-वर्कर्स कॉलेज की है घटना
-ज्यादा परसेंट मार्क्स होने के बाद भी एडमिशन नहीं होने का लगाया आरोप
-कॉलेज द्वारा यूनिवर्सिटी को भेजी जाएगी कंप्लेन की फाइल
-केयू की वेबसाइट पर एडमिशन की लिस्ट नहीं होने से हो रही प्रॉब्लम
JAMSHEDPUR : पीजी पार्ट वन के ज्योग्राफी सब्जेक्ट में एडमिशन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए वर्कर्स कॉलेज में स्टूडेंट्स ने हंगामा किया। घटना सोमवार की है। स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी पर आरोप लगाया कि ज्यादा मार्क्स वाले कई स्टूडेंट्स का एडमिशन नहीं हुआ, जबकि कम परसेंटेज वाले का नाम लिस्ट में है। काफी संख्या में स्टूडेंट्स कॉलेज पहुंचे थे। उन्होंने प्रिंसिपल से मिलकर रिटेन में कंप्लेन की। उधर, प्रिंसिपल ने उनकी कंप्लेन की फाइल यूनिवर्सिटी भेजने की बात कही।
प्रिफरेंस का नहीं रखा ख्याल
पीजी पार्ट वन में एडमिशन स्टार्ट होते ही यूनिवर्सिटी पर स्टूडेंट्स द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि उनके द्वारा एडमिशन फॉर्म पर भरे गए प्रिफरेंस में जिन कॉलेज का नाम था उसका ख्याल यूनिवर्सिटी ने नहीं रखा। वर्कर्स कॉलेज के ज्योग्राफी डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स ने भी यही आरोप लगाया। स्टूडेंट्स का कहना था कि वर्कर्स कॉलेज में ज्योग्राफी में सिर्फ दो ही ऐसे स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया गया है जिन्होंने इसी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। जबकि काफी संख्या में इस कॉलेज के स्टूडेंट्स ने पीजी के लिए अपने कॉलेज का नाम फर्स्ट प्रिफरेंस में दिया था। स्टूडेंट्स को झारखंड छात्र मोर्चा का भी सपोर्ट रहा, जिसमें हेमंत पाठक का अहम राेल रहा।
वेबसाइट पर िलस्ट नहीं
पीजी पार्ट वन में डिफरेंट सब्जेक्ट्स में एडमिशन के लिए सेलेक्टेड स्टूडेंट्स की लिस्ट कोल्हान यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर डाली जानी थी, लेकिन ज्योग्राफी की लिस्ट वेबसाइट पर नहीं डाले जाने की वजह से स्टूडेंट्स को काफी परेशानी हो रही है। उन्हें पता नहीं चल रहा है कि उनका नाम वर्कर्स कॉलेज के एडमिशन लिस्ट में है या केयू के डिपार्टमेंट ऑफ ज्योग्राफी के लिए। इसपर आई नेक्स्ट ने केयू में पीजी डिपार्टमेंट ऑफ ज्योग्राफी की एचओडी डॉ सुषमा हांसदा से बात की, तो उनका कहना था कि उन्होंने वेबसाइट पर लिस्ट अपलोड करने के लिए कहा था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं। सवाल यह है कि इसमें स्टूडेंट्स की भी तो गलती नहीं, फिर उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है।
सीटें घटाकर आधी कर दी गई
वर्कर्स कॉलेज में लास्ट इयर तक पीजी ज्योग्राफी पार्ट वन में क्ख्0 सीट्स पर एडमिशन हुए थे। इस बार कोल्हान यूनिवर्सिटी को यह अहसास हुआ कि यह प्रैक्टिकल सब्जेक्ट है, इसलिए इसमें म्0 से ज्यादा सीट्स पर एडमिशन नहीं होने चाहिए और इस वजह से कॉलेज में सीट्स क्ख्0 से घटाकर म्0 कर दी गई। एक यह भी वजह है कि इसी कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स को भी पीजी के इस सब्जेक्ट में एडमिशन नहीं मिल रहा है। अगर अब सही किया गया, तो पिछले सालों में ज्यादा सीट्स पर एडमिशन लेकर क्वालिटी एजुकेशन से खिलवाड़ करने के लिए कौन जिम्मेवार है?
मुझे म्भ्.फ्फ् परसेंट मार्क्स है, पर एडमिशन लिस्ट में मेरा नाम नहीं है। न तो परसेंटेज का ख्याल रखा गया है, न ही स्टूडेंट्स द्वारा भरे गए कॉलेज के नाम के प्रिफरेंस का और न ही एससी, एसटी कैटेगरी को ध्यान में रखा।
- अविनाश कुमार, स्टूडेंट
एडमिशन की लिस्ट केयू की वेबसाइट पर क्यों नहीं डाली गई। आखिर स्टूडेंट्स को पता कैसे चलेगा कि उनका एडमिशन कॉलेज में हुआ है या यूनिवर्सिटी के पीजी डिपार्टमेंट में।
- प्रिया कुमारी, स्टूडेंट
अगर कुछ गलतियां हुई हैं, तो हम उसकी जांच करेंगे। वैसे भी ज्योग्राफी डिपार्टमेंट में टीचर्स की काफी कमी है। इस वजह से लिस्ट बनाने में कहीं प्रॉब्लम हुई होगी। वर्कर्स कॉलेज में सीट्स इसलिए कम की गई क्योंकि ज्योग्राफी प्रैक्टिकल सब्जेक्ट है और इसमें म्0 से ज्यादा सीट्स नहीं हो सकती।
- डॉ सुषमा हांसदा, एचओडी, पीजी डिपार्टमेंट ऑफ ज्योग्राफी, केयू
मुझे काफी संख्या में स्टूडेंट्स के रिटेन कंप्लेन मिले हैं। मैंने उसकी फाइल बना ली है और उसे छुट्टियों के बाद यूनिवर्सिटी भेज दिया जाएगा। स्टूडेंट्स ने ज्योग्राफी में एडमिशन को लेकर कई तरह की प्रॉब्लम्स बताई हैं।
- डॉ डीपी शुक्ला, प्रिंसिपल, वर्कर्स कॉलेज