उनकी पहली फ़िल्म 'तेरे बिन लादेन' में उनके अभिनय की काफ़ी तारीफ़ हुई और अब वो यश राज फिल्मस के बैनर तले बन रही 'मेरे ब्रदर की दुल्हन' में दिखाई देगें। अली ज़फ़र ने इस फ़िल्म में काम करने का अनुभव बीबीसी के साथ बांटा।

वो कहते हैं, “अपनी पहली फ़िल्म में बढ़िया काम करना और उसके बाद अपनी दूसरी फ़िल्म यशराज बैनर के तले मिलना, मुझे लगता है कि मैं किस्मतवाला हूँ.”

अली ज़फर अपने आप को भाग्यशाली भले ही मानते हो लेकिन वो कहते हैं कि इसका मतलब ये नहीं है कि उन्होंने इसके लिए मेहनत नहीं की। अली का कहना था, “मैं दस-बारह साल से काम कर रहा हूँ। मैंने पेंटर के तौर पर शुरुआत की, लोगों के स्कैच बनाए और पैसे इक्टठा कर अपनी पहली एलबम लॉन्च की। तो मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि मैं बहुत मेहनत करुँ.”

बॉलीवुड फ़िल्मों ने अच्छा ब्रेक मिलने के बाद अली अब फ़िल्में साइन करने में कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहते। अली कहते हैं, “ये रटी रटाई बात लग सकती है कि लेकिन मैं मानता हूँ कि फ़िल्मों की संख्या से ज़्यादा उनकी गुणवत्ता मायने रखती है। मैं बहुत सारी फ़िल्में एक साथ साइन नहीं करना चाहता। मैं चाहता हूँ कि मैं सही फ़िल्में चुनूं.”

लेकिन सही फ़िल्म का चुनाव कैसे करते हैं अली? ये पूछने पर उन्होंने बताया, "मैं चाहता हूँ कि फिल्म की स्क्रिप्ट अच्छी हो और मैं जिन लोगों के साथ काम करुं वो अच्छे हों। मेरे लिए फ़िल्म करने का अनुभव मायने रखता है.”

अली मानते हैं कि इस फ़िल्म के शूट के वक्त का अनुभव उनके लिए ख़ास है। 'मेरी ब्रदर की दुल्हन' में अली ज़फ़र के साथ मुख्य भूमिकाओं में इमरान ख़ान और कटरीना कैफ़ हैं। फ़िल्म नौ सितम्बर को रिलीज़ हो रही है।

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