- सीबीएसई हाईस्कूल के रिजल्ट में दिखा स्टूडेंट्स में उत्साह

- कोई एक नहीं, बल्कि हर स्कूल में कई सारे टॉपर।

मेरठ। सीबीएसई के हाईस्कूल के रिजल्ट का उत्साह स्टूडेंट्स के साथ-साथ उनके पेरेंट्स में भी देखने को मिला। हालांकि सीजीपीए सिस्टम से स्टूडेंट्स में टॉपर्स की होड़ नहीं दिखी। स्टूडेंट ने अपने दोस्तों के साथ टॉपर्स होने की खुशियां साझा की। शनिवार को दसवीं के नतीजों में न तो किसी स्कूल ने अपने यहां के टॉपर का दावा किया और न ही किसी एक स्टूडेंट ने यह दावा किया। हर स्कूल में से एक नहीं कई टॉपर्स के निकलने की खुशियां स्टूडेंट में देखने को मिली। ग्रेडिंग सिस्टम में 10 सीजीपीए पाने वाले स्टूडेंटस की लंबी कतार रही। सीबीएसई के इस सिस्टम से जहां स्कूलों में स्टूडेंट के चेहरों पर अलग सी मुस्कान थी। वहीं मुस्कान के पीछे छुपी उनकी उदासी भी थी, जिससे यह पता चलता है कि वह सीजीपीए सिस्टम से नाखुश भी बहुत है।

शत प्रतिशत रिजल्ट का दावा

जिले के ज्यादातर स्कूलों ने शत प्रतिशत रिजल्ट होने का दावा किया। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले ज्यादातर स्कूलों में 10 सीजीपीए कम्युलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज पाने वाले छात्रों की संख्या कम रही, वहीं कुछ स्कूलों की माने तो सीजीपीए पाने वालों की तादाद पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहा। पिछले साल के मुकाबले इस बार दसवीं में पीएसए (प्राब्लम साल्विंग असेसमेंट)होने की वजह से 10 सीजीपीए पाने वालों की संख्या में कमी रही।

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चेहरे पर मुस्कान, मन में उदासी

- ग्रेडिंग में वो बात कहां जो टॉपर बनने का अहसास होता है।

- अब दसवीं के रिजल्ट को देखने में वो मजा नहीं आता है।

मेरठ- सीबीएसई दसवीं के रिजल्ट में अब वो पहले वाली बात नहीं है जो पहले होती थी। बोर्ड एग्जाम में पिछले पांच छह सालों से दसवीं का रिजल्ट ग्रेडिंग सिस्टम के आधार पर जारी करना शुरु कर दिया है। ऐसे में होम एग्जाम का असर भी अब पूरी तरह से दिखने लगा है। दसवीं में जब तक बोर्ड एग्जाम रहा, तब तक रिजल्ट देखने में और जानने में स्कूलों में स्टूडेंट्स का हुजूम जुटा रहता था। लेकिन सीबीएसई के ग्रेडिंग सिस्टम ने स्टूडेंट्स में रिजल्ट का क्रेज ही कम कर दिया है। शनिवार को जब दसवीं का रिजल्ट आया तो सभी स्कूलों में सन्नाटा ही पसरा था। स्टूडेंट्स को काफी स्कूलों में तो स्टूडेंट्स को फोन करके बुलाया जा रहा था। गे्रडिंग से पहले जहां नंबर्स वाले सिस्टम में एक-एक नंबर के लिए मारामारी रहती थी। वहीं अब टॉपर्सं की फौज देखने को मिलती है।

होम एग्जाम देने वाले रहे अधिक

सीबीएसई दसवीं एग्जाम सीसीई पैटर्न पर पिछले कुछ सालों से हो रहा है। जिसमें चार एफए और दो एसए होता है। दसवीं में प्रवेश के बाद अप्रैल-मई में पहला एफए होता है, यह दस मा‌र्क्स का होता है। अगस्त में फिर दूसरा एफए होता है। सितंबर में माह में 30 मा‌र्क्स का पहला एसए होता है। नवंबर- दिसंबर 10 मा‌र्क्स का तीसरा एफए होता है। पिछले साल से चौथे एफए में पीसीएस एग्जाम भी होने लगा है। लास्ट एसए 2 का एग्जाम दो तरह से होता है बोर्ड या स्कूल बेस। सीबीएसई ने इसमें दसवीं में बोर्ड या स्कूल बेस एग्जाम का ऑप्शन देता है।

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हेडिंग- सर्वर डाउन, परेशान रहे स्टूडेंट्स

- स्कूलों के पास नहीं पहुंचे स्कूल वाइस रिजल्ट

मेरठ। सीबीएसई हाईस्कूल का रिजल्ट शनिवार को आउट हो गया। रिजल्ट का स्कूलों के साथ ही स्टूडेंट्स को भी काफी बेसब्री के साथ इंतजार था। हालांकि रिजल्ट समय से पहले ही आ गया था। लेकिन सर्वर डाउन होने की वजह से रिजल्ट निकालने में मुश्किल हो रही थी।

स्कूलों को नहीं पहुंचे रिजल्ट

सीबीएसई की तरफ से हर स्कूल का स्कूल वाइस इंडीविजुअल रिजल्ट भेजने की बात कहीं गई थी। लेकिन स्कूलों को कोई भी रिजल्ट नहीं मिल पाया है। ऐसे में स्कूलों में कई घंटे रिजल्ट निकालने में लग गए।