आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर उतरे विमान
भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर सुपरसोनिक सुखोई एसयू-30, जगुआर और मिराज जैसे लड़ाकू विमानों का टचडाउन अभ्यास किया। ये विमान जब आगरा एक्सप्रेस-वे पर उतरे तो उनकी गति 260 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। वैसे तो एक्सप्रेस-वे का पांच किलोमीटर का हिस्सा विमानों के टच और उड़ान भरने के लिए लिया गया है, लेकिन केवल तीन किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल किया गया। तेज गति से विमान तीन सौ मीटर के पैच पर ही उतरे। इस दौरान चार सेकेंड के लिए जमीन को छुआ।
यमुना एक्सप्रेस वे पर भी हुआ था टचडाउन
बीते वर्ष भी वायुसेना के आठ लड़ाकू विमानों ने इसी जगह एक्सप्रेस-वे पर और 2015 में मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 ने टच डाउन किया था।
क्यों किया जाता है अभ्यास
ऐसा इस कारण से किया जा रहा है कि अगर जंग के दौरान अगर एयरबेस बर्बाद हो जाता है तो ऐसे राजमार्ग का बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एक्सप्रेस वे इस तरह बनाया गया है कि वह लड़ाकू विमान का दबाव झेल सके।
चीन ने 1989 में किया था ऐसा
सड़क पर जेट विमान उतारने का कारनामा चीन पहले कर चुका है। पड़ोसी देश चीन ने सबसे पहले साल 1989 में यह ड्रिल की थी। उसके बाद अब तक कई जगह वह अपने लड़ाकू विमानों को सड़क पर उतार चुका है।
पाकिस्तान ने 2000 में किया था
सड़क पर लड़ाकू विमान उतारने में पाकिस्तान भी पीछे नहीं है। पाक ने दो बार अपने हाइवे का इस्तेमाल फाइटर जेट को उतारने के लिए किया। पहली बार यह कारनामा साल 2000 में F-7P के साथ किया गया और फिर 2010 में मिराज III को उतारा गया था।
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