- एसआईटी ने दर्ज किया पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर का बयान

- दम घुटने के कारणों को स्पष्ट नहीं कर सके डॉक्टर

- परिजनों को पुलिस की जांच से उठा भरोसा

LUCKNOW :

आईएएस अफसर अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत के दस दिन बीत चुके हैं। अब तक पुलिस खाली हाथ है। पुलिस अभी दस दिन बाद एसआईटी ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के बयान दर्ज किए हैं। हालांकि डॉक्टर भी इस बात को स्पष्ट नहीं कर सके कि दम घुटने की वजह क्या रही होगी। उधर, जांच के लिए कर्नाटक जाने वाली एसआईटी टीम के साथ फैमिली मेम्बर भी जाने को तैयार हैं। उनका कहना है कि पुलिस की जांच से उनका विश्वास पूरी तरह से उठ गया है।

एफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार

आईएएस अफसर अनुराग की डेडबॉडी का पोस्टमार्टम करने वाले तीन डॉक्टरों के पैनल में मौजूद डॉ। बृजेश श्रीवास्तव से सीओ हजरतगंज अवनीश मिश्र ने मुलाकात करने जानकारी जुटाई। करीब एक घंटे तक बातचीत के दौरान सीओ ने पीएम रिपोर्ट में दम घुटने के अलग पहलुओं पर चर्चा करते हुए कारण जानने का प्रयास किया। हालांकि डॉक्टर का कहना है कि इसका सही कारण ब्लड, हार्ड और विसरा की जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।

परिवार के सदस्य भी कर्नाटक जाने को तैयार

आईएएस अफसर अनुराग के बड़े भाई मयंक का कहना है कि एसआईटी जांच के लिए बेंगलुरु जा रही है। पुलिस परिवार के किसी सदस्य को जरूर साथ लेकर जाए और उसके सामने ही बेंगलुरु में जांच की जाए.आईएएस अनुराग की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी एसआईटी परिवारीजन व अन्य लोगों के बयान दर्ज करने के बाद संडे को कर्नाटक जाकर जांच करने की तैयारी में है। पुलिस के मुताबिक बेंगलुरु में अनुराग के कमरे सहित उनके कार्यालय जाकर भी छानबीन की जाएगी। यह भी पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि अनुराग किस घोटाले की जांच कर रहे थे। किन लोगों के द्वारा उन पर दबाव बनाया जा रहा था। अनुराग का सरकारी मोबाइल फोन कहां है और वह कर्नाटक के किन अधिकारियों के ज्यादा संपर्क में थे।

एजेंसी से कराई जाए मोबाइल की फोरेंसिक जांच

परिजनों के अनुसार अनुराग का मोबाइल फोन पुलिस ने उनके हवाले किया, उसकी कॉल लॉग व मैसेज डिलीट थे। अनुराग वॉट्सएप भी खूब यूज करते थे। फोन में वॉट्सएप लॉग भी डिलीट था। घरवालों को यकीन है कि अनुराग ने अपने कुछ करीबी दोस्तों को मैसेज के जरिए अहम बातें जरूर शेयर की होंगी। फोन डिटेल से पुलिस को अहम सुराग जरूर मिल सकते थे। अनुराग के मोबाइल का इंटरनेट डाटा ऑन था। उन्हें जब फोन दिया गया, तब भी इंटरनेट डॉटा ऑन था। घरवालों का कहना है कि किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से अनुराग के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच कराई जानी चाहिए। फोन से डिलीट किए गए डाटा को रिकवर करने का प्रयास किया जाना चाहिए।

व्हाइट कॉलर को बेनकाब करना था

मयंक का कहना है कि अनुराग जब बहराइच आए थे, तब घरवालों से वापस बेंगलुरु जाकर कई बड़ों को बेनकाब करने की बात कहते थे। उनका कहना था कि वह उन अधिकारियों के राजफाश करेगा, जिन्हें सब बहुत अच्छा समझते हैं। ऐसे सफेदपोश लोगों की सच्चाई जब लोगों को पता चलेगी, तब उनके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।