>Ranchi : शनिवार को रंजीत कोहली से इंटेलिजेंस यूरो की महिला इंस्पेक्टर प्रीति शर्मा, खगन महतो और हटिया इलाके के एसपीओ रजनीश ने दो घंटे तक बंद कमरे में पूछताछ की। इस दौरान धर्म परिवर्तन, विदेशी लिंक, आय का जरिया आदि के बारे में विस्तृत पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान किसी को भी वहां आने की इजाजत नहीं थी। आईबी अधिकारियों की पूछताछ के बाद सीआईडी के इंस्पेक्टर मदन मोहन सिंह और स्पेशल ब्रांच के अधिकारी ने दो घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान रंजीत ने आईबी को अपने ट्रांजेक्शन, पासपोर्ट के साथ ही सेक्स रैकेट से जुड़े होने की बात कही।

अनुसंधानकर्ता से मांगा पासपोर्ट नंबर

आईबी के अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों से रंजीत कोहली के पासपोर्ट का नंबर मांगा, पर पुलिसकर्मी नहीं दे सके। फिर, आईबी के अधिकारियों को अनुसंधानकर्ता हरिश्चंद्र सिंह का मोबाइल नंबर दिया, जिसके बाद आईबी ने उनसे बात की और रंजीत का पासपोर्ट नंबर मांगा।

उदय नामक व्यक्ति से लेता था गाड़ी

रांची पुलिस के अधिकारियों ने रंजीत कोहली से रातार पूछताछ की। इस बीच रंजीत को एक पल के लिए सोने ाी नहीं दिया। रंजीत चूंकि रिमांड पर है, इसलिए उसके साथ जबर्दस्ती ाी नहीं की जा रही है। रंजीत ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह उदय नामक एक व्यक्ति से किराए की गाड़ी लेता था और उसे विािन्न जगहों पर ोजता था।

काजी से हुई पूछताछ

तारा और रंजीत का निकाह करानेवाले कारी जान मोहमद से भी पूछताछ की। इस दौरान कारी जान मोहमद ने वही बातें दोहराई, जो मीडिया के सामने कही थीं। उनका बयान भी रिकॉर्ड किया गया। रंजीत अशोकनगर के जिस मकान में अपनी गाडि़यों को राता था, वह मकान उसने जीएस राव से किराए पर लिया था। जीएस राव कहीं दूसरे जगह रहते हैं। सोसाइटी के रजिस्टर में जीएस राव के नाम से मकान रजिस्टर्ड है। इसे रंजीत कोहली ने ऑफिस के साथ ही लड़कियों के साथ मौज मस्ती के लिए रा था।

और पुलिस ने रोहित को थाने से हटाया

शनिवार को रोहित रमन अपने एक दोस्त के साथ जगन्नाथपुर थाना में रंजीत कोहली से मिलने के लिए गया था, जिसे पुलिस ने वहां से जाने को कहा। शनिवार को एक चैनल में दिए बयान में रोहित ने कहा कि वह धर्म परिवर्तन के मामले में कुछ नहीं जानता है। वह रंजीत को सिर्फ रंजीत के नाम से ही जानता था। रोहित रमन की बात तारा शाहदेव से भी कराई गई, जिसमें उसने खुद को अपार्टमेंट में रोके जाने की बात पर सफाई दे रहा था। पर, तारा ने कहा कि महिला पुलिस नहीं होती तो उसे नहीं निकलने दिया जाता। रांची पुलिस की एक टीम ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजेश से पूछताछ के लिए शेरघाटी (गया) गई हुई है। टीम में सदर थाना प्रारी रंजीत सिन्हा व एक अन्य को रा गया है। हालांकि, पुलिस टीम के बाहर भेजने की बात से इंकार कर रही है।

धोखाधड़ी की धारा भी जुटेगी

पुलिस के वरीय अधिकारी चतरा के टंडवा में पोस्टेड डीएसपी सुरजीत को बचाने की कवायद में जुट गए हैं। डीएसपी सुरजीत से पूछताछ ाी नहीं की गई है। हालांकि, सुरजीत से अपनी सफाई में कहा है कि वह रंजीत को दोस्त होने की हैसियत से गाड़ी और बॉडीगार्ड देता था। वह क्या करता था और क्या नहीं करता था, इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। एक दो बार पूछताछ में बताया ाी था कि वह एनजीओ चलाता है और फॉरेस्ट विाग का टेंडर वगैरह लेता है। बताया जाता है कि पुलिस अब रंजीत पर एक और केस दर्ज करने की तैयारी कर रही है। पुलिस ने अनुसंधान में पाया है कि रंजीत अपने ही दोस्त डीएसपी सुरजीत को अंधेरे में राकर उसकी पीली बत्ती जिप्सी का इस्तेमाल करता था। यह जालसाजी की श्रेणी में आ सकता है। इसलिए पुलिस उस पर ादवि ब्ख्0 के तहत ाी केस चलाएगी।