--Auto drivers को वर्दी, बैज व आई-कार्ड डिस्ट्रिब्यूशन के प्रोजेक्ट में रूल्स का हो रहा उल्लंघन, RTO के बजाय traffic department व auto union निभा रहे जिम्मेदारी

- ड्राइवर्स से वसूली में हो रही मनमानी, आरटीओ ने जानकारी न होने की बात कहकर झाड़ा पल्ला

VARANASI:

ऑटो ड्राइवर्स को परेशान करने का ठीकरा आए दिन पुलिस के सिर पर फूटता रहता है। पुलिस पर कभी चेकिंग तो कभी मनमानी करने का आरोप लगता है। लेकिन जो इनका रहनुमा बनने का दंभ भरते हैं वही इनकी जेब पर इस समय डाका डाल रहे हैं। दरअसल, आरटीओ की जिम्मेदारी को अपनी जेब भरने के चक्कर में ऑटो यूनियन ने अपने कंधों पर उठा रखा है। यहां बात ऑटो ड्राइवर्स को डिस्ट्रिब्यूट की जा रही वर्दी, बैज व आई का‌र्ड्स की हो रही है। रूल्स के अनुसार, वर्दी बनवाने का जिम्मा ऑटो ड्राइवर का है तो वहीं बैज और आई कार्ड आरटीओ की ओर से जारी होने चाहिए। लेकिन बैज और आई का‌र्ड्स जारी करने का आरटीओ के बजाय ट्रैफिक डिपार्टमेंट व यूनियन के बैनर तले हो रहा है। ऐसे में एडमिनिस्ट्रेशन के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर सवाल उठने लगे हैं।

किसी का काम कर रहा कोई

यह किसी से छिपा नहीं है कि ऑटो का रजिस्ट्रेशन, परमिट और ड्राइवर को डीएल जारी करने की जिम्मेदारी आरटीओ की है। ऐसे में नियमानुसार बैज व आई कार्ड डिस्ट्रिब्यूट करने का काम भी आरटीओ के पास ही होना चाहिए। लेकिन यह काम ट्रैफिक डिपार्टमेंट व आटो यूनियन कर रहा है। ऐसा किसके आदेश पर हो रहा है यह बताने वाला कोई नहीं है। जवाब देने के बजाय आरटीओ के ऑफिसर्स अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। इसकी वजह पूछे जाने पर आरटीओ की तरफ से गोलमोल जवाब दिया जा रहा है।

हो रही है मनमानी वसूली

ऑटो ड्राइवर्स को कर रेट्स पर वर्दी अवेलेबल कराने के नाम पर ट्रैफिक डिपार्टमेंट और ऑटो यूनियन की टीम ने अब तक छह लाख 9क् हजार रुपये वसूल चुके हैं। अभी तक तीन हजार ऑटो ड्राइवर्स को वर्दी तथा सात सौ को बैज व आइ कार्ड डिस्ट्रिब्यूट किया जा चुका है। वर्दी के लिए दो सौ व बैज और आई कार्ड के लिए क्फ्0 रुपये ऑटो ड्राइवर्स से जमा कराए गए हैं। खास बात यह है कि ऑटो वालों से वसूले जा रहे इन रुपयों के बारे में आरटीओ को जानकारी नहीं है। यहां तक कि ऑटो ड्राइवर्स से मनमाने पैसे वसूलने का काम भी जारी है।

ऑटो ड्राइवर्स को बैज व आई कार्ड जारी करने का काम आरटीओ का है। अब यह ट्रैफिक डिपार्टमेंट और यूनियन के लोग कैसे कर रहे हैं इसकी जानकारी मुझे नहीं है।

बृजेश सिंह, आरटीओ

कम रेट्स पर वर्दी, बैज व आई कार्ड आसानी से ऑटो ड्राइवर्स तक पहुंचाने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट और ऑटो यूनियन मिलकर यह काम कर रहे हैं।

दीनानाथ सिंह, अध्यक्ष, ऑटो यूनियन