रेल किराये में दी जाने वाली विभिन्न छूटों के दुरुपयोग के मामलों को देखते हुए रेलवे अब इन पर लगाम कसने के उपाय कर रहा है. रेलवे के इन उपायों में छूट हासिल करने के लिए एलिजबल मरीजों को आइ-कार्ड जारी करने का आइडिया भी शामिल है. ऐसे मामले सामने आए हैं कि मरीजों के लिए किराये में मिलने वाली इस छूट का दुरुपयोग कुछ बेईमान लोग कर रहे हैं. इससे न सिर्फ राजस्व की हानि हो रही है बल्कि वास्तविक पात्र यात्रियों को भी यह छूट नहीं मिल पाती है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खासतौर पर कैंसर रोगियों को किराये में मिलने वाली 100 फीसद छूट का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है. डॉक्टरों से फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है. अब रेलवे डॉक्टरों के नाम, पंजीयन नंबर और जानकारियों की प्रमाणिकता जांचने के बाद ऐसे लाभार्थियों को एक पहचान पत्र जारी करेगा.
अधिकारी ने कहा कि वास्तविक पात्र लोगों को लाभ दिलाने के लिए प्रमाणीकरण तंत्र मजबूत किया जा रहा है. इसके लिए पहचान पत्र का डिजाइन और सिक्योरिटी फीचर्स को अंतिम रूप दे दिया गया है. इन्हें जल्दी ही जारी किया जाएगा. इस आइ-कार्ड पर एक नंबर उपलब्ध होगा जिसके जरिये ई-टिकिट भी बुक करने की सुविधा प्राप्त होगी.
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