RANCHI : सर्राफा बाजार में सोना की चमक तो बरकरार है, लेकिन हीरा खरीदने का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ा है। लोग अब हीरा में इन्वेस्टमेंट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। लेकिन, हीरा की खरीदारी में यह डर बना रहता है कि जो आप खरीद रहे हैं, वह कितना परसेंट प्योर है। हीरा में भी मिलावट की आशंका बनी रहती है। ऐसे में अगर अक्षय तृतीया के शुभ मौके पर आपने हीरा खरीदने का प्लान बनाया है तो उसकी शुद्धता को लेकर सावधान रहें।

हीरा खरीदने में रखें ध्यान

डायमंड खरीदते समय उसके कलर, क्लियरिटी, कट एंड कैरेट्स पर खास ध्यान देने की जरूरत है। डायमंड जितना रिफ्लेक्टिंग और चमकदार होगा, शार्प कटिंग और क्लियरिटी नजर आए, वह उतना ही शुद्ध माना जाएगा। जिस प्रकार गोल्ड खरीदते वक्त हॉल मार्किंग का ध्यान रखना जरूरी है, वैसे ही डायमंड आईजीआई, जीआईए, ईजीएल लैब द्वारा चेक किया हुआ ही खरीदें। इन लैब में किसी भी हीरा को 14 श्रेणी में रखा जाता है, इसमें कट, क्लियरिटी, कलर और कैरेट रेट जैसी चार श्रेणियां अहम होती हैं। आईजीआई, जीआईए, ईजीएल में जब भी हीरा जांचा जाता है, तो इन सभी श्रेणियों की परख की जाती है।

चमक पर तय होती है कीमत

हीरे की कीमत उसकी चमक पर तय की जाती है। हीरे के रंग को डी से जेड श्रेणी तक जांचा जाता है, इसमें श्रेणी जी, एच सबसे ज्यादा पॉपुलर है। कैरेट में तौले जाने वाले हीरे में एक कैरेट हीरा 0.2 ग्राम और पांच कैरेट का हीरा एक ग्राम का होता है। इसके लिए जरूरी है कि हीरे की खरीदारी ट्रस्टेड शोरूम से ही करें।

वेबसाइट से लें सलाह

www.श्चह्मद्बष्द्गह्यष्श्रश्चद्ग.ष्श्रद्व देश की पहली ग्राहक सलाहकार और डायमंड शॉपिंग कॉम्पैरिजन वेबसाइट है। इस साइट की मदद से डायमंड खरीदने से पहले किन-किन बातों का ख्याल रखा जाएगा, ये जाना जा सकता है।

वर्जन

डायमंड के प्रति लोगों का अट्रैक्शन बढ़ा है। पहले सोने को लेकर लोगों में क्रेज था। पर समय बदलने के साथ लोगों का ट्रेंड भी बदल गया है। अब लोग डायमंड में भी वैरायटी चाहते है। लेकिन उसके लिए भी कस्टमर्स को सतर्क रहने की जरूरत है। खरीदारी से पहले जांच जरूर कर ले। क्योंकि मार्केट में डुप्लीकेसी का बाजार काफी तेजी से फैल रहा है।

स्वरूप कुंडू