सिर्फ 4 शंकराचार्यो को मिलेगी इंट्री
देश में फर्जी शंकराचार्यो की बढ़ती तादाद को देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अब सख्त निर्णय लेने का मन बना चुका है. इसके चलते देश के 4 मूल पीठ के शंकराचार्यो को ही मान्यता दी जाएगी. वहीं फर्जी शंकराचार्य उज्जैन 'सिंहस्थ' क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही फर्जी साधुओं की जमात को बाहर करने के लिए हर अखाड़ा अपने साधु-संतो, महामंडलेश्वरों का आईडी कार्ड जारी करेगा. इस पर साधु का नाम, अखाड़े का नाम, स्थान और अखाड़े के पदाधिकारी के साइन होंगे.

घट रही है मर्यादा
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि, फर्जी शंकराचार्यों के कारण सनातन धर्म की मर्यादा को काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे लोगों के कारण ही सिंहस्थ क्षेत्र की लोगों का विश्वास उठ जाता है. हालांकि नरेंद्र गिरी इस बार सिंहस्थ 2016 में फर्जी शंकराचार्यों की इंट्री पर रोक लगा चुके हैं. इनका कहना है कि, देश में सिर्फ 4 शंकराचार्य पीठ है और यही मान्य मठ कहलाए जाएंगे. वहीं अखाड़ा विवाद पर गिरी ने कहा कि, 13 अखाड़ों के बीच कोई विवाद नहीं है. वैष्णव संप्रदाय के तीनों अणि श्रीमहंत धर्मदास, मदनमोहन दास और राम किशन दास का हमें समर्थन प्राप्त है.

महामंडलेश्वर की पदवी छीनी जाएगी
अखाड़ों के नियमों पर नरेंद्र गिरी ने बताया कि, अखाड़ा गलती करता है तो उस पर कार्रवाई होना जरूरी है, तभी अनुशासन बना रहता है. उन्होंने बताया कि उज्जैन के प्रेमानंद महाराज से महामंडलेश्वर की पदवी छीनने के लिए भी पत्र दिया जा रहा है. अभा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने बताया कि उज्जैन सिंहस्थ का मुहूर्त नासिक कुंभ खत्म होने के बाद निकाला जाएगा. कुंभ खत्म होने से पंडितों के साथ बैठक में उज्जैन में स्नान के मुहूर्त तय होंगे. इसी में तय होगा कि कितने शाही स्नान होंगे.

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