नगर निगम ने पूर्व पार्षदों के प्रस्तावों को किया निरस्त

पार्षदों में नाराजगी, करेंगे सीएम से शिकायत

Meerut। एक कहावत है कि उगते सूरज को सब सलाम करते हैं। डूबते को कोई नहीं पूछता है। इसकी बानगी नगर निगम में देखने को मिली। पिछली बार जिन पार्षदों की मौजूदगी में जो प्रस्ताव पास हुए थे, वे अब निरस्त कर दिए गए हैं। इस पर पूर्व पार्षदों में खासी नाराजगी है।

अधिकांश हैं भाजपा पार्षद

जिन पार्षदों के विकास के प्रस्ताव निरस्त हुए हैं। उनमें से अधिकांश पार्षद भाजपा से है। हालात यह है जब वह पार्षद थे तो उन विकास कार्यो को छह माह से एक साल तक टाला गया। अब कार्यकाल खत्म होते ही उनके प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया है।

विकास को लेकर हंगामा

नगर निगम में वार्डो में विकास कार्य कराने को लेकर हर बोर्ड बैठक में हंगामा होता रहा है। पार्षद निगम के अधिकारियों पर विकास कार्य न कराने की बात कहते रहे तो अधिकारी न टेंडर प्रक्रिया होने की बात कहते रहे।

वर्जन

मोहनपुरी मुख्य मार्ग पर बने डलावघर का प्रस्ताव बहुत दिनों पहले दिया था। उसको हटाने की भी मंजूरी हो गई थी। लेकिन अब इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। कोई भी अधिकारी सही बात बताने को तैयार ही नहीं है। नगर आयुक्त से बात की जाएगी।

सुधीर पुंडीर, पूर्व पार्षद

मेरे वार्ड के कई विकास कार्यो के करीब एक साल पहले प्रस्ताव पास हो गए थे। टेंडर भी हो गए थे। लेकिन अब विकास कार्य न होने की बात कही जा रही है। एक करोड़ से अधिक के विकास कार्य होने थे। निर्माण विभाग का कोई अधिकारी कुछ बताने के लिए तैयार नहीं है यह काम अब क्यों नहीं होंगे। इसकी शिकायत सीएम योगी से जाएगी।

संजीव पुंडीर, पूर्व पार्षद

मैने अपने वार्ड में पानी की समस्या को लेकर कई प्रस्ताव दे रखे थे। वह पास भी हो गए थे। लेकिन अभी तक उन पर काम शुरू नहीं हुआ है। अब अधिकारी कह रहे हैं उनको निरस्त कर दिया गया है। दोबारा से फाइल बनेगी। नगर आयुक्त से इसकी शिकायत की है।

ज्योति वर्मा, पूर्व पार्षद

कुछ प्रस्ताव इसीलिए निरस्त किए हैं। क्योंकि उन पर विवाद चल रहा था। स्थानीय लोग उस पर आपत्ति जता रहे हैं। ऐसे में काम करने में मुश्किल हो रही थी। यदि उन पर स्थानीय लोगों की आम सहमति बन जाती है तो उनका प्रस्ताव दोबारा से तैयार कराया जाएगा।

कुलभूषण वाष्र्णेय, चीफ इंजीनियर नगर निगम