- ईंट की गुणवत्ता और चारे के संकट से निपटने की रणनीति

- प्रशासन की टीम भट्ठे भट्ठे करेगी जांच जुटाएगी साक्ष्य

FATEHPUR: पशुओं के लिए उत्पन्न हो रहे चारे की दिक्कत और लगातार गिर रही ईट की गुणवत्ता पर प्रशासन सजग है। अब हर भट्ठे पर जाकर प्रशासन की टीम इस बात की तस्दीक करेगी कि भट्ठा व्यवसाई ईट पकाने के लिए भूसे का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं। जो भी भट्ठा मालिक भूसे का प्रयोग करते पाया जाएगा। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

ईट व्यवसाय में कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाने के लिए इन दिनों भट्ठों में ईट पकाने के लिए कोयले की जगह भूसे का इस्तेमाल जोरो पर है। बताया जाता है कि भूसे के प्रयोग से ईट लाल तो हो जाती है पर वह ठीक से पक नहीं पाती। इसे पकाने के लिए कोयले की अपेक्षा भूसे में एक चौथाई ही लागत आती है। जिससे मालिकों का मुनाफा काफी बढ़ जाता है।

भूसे के इस व्यवसायिक प्रयोग से जिले में पशु पालकों के समक्ष चारे की बड़ी समस्या खड़ी हो रही है। जबकि घटिया ईट से विकास कार्य भी गुणवत्ताविहीन हो रहे हैं। इस प्रकार लुट रही शासकीय निधि को बचाने के लिए शासन तक गंभीर है।

क्या बोले जिम्मेदार

'कुछ भट्ठों में कोयले की जगह भूसा प्रयोग की शिकायत मिली है। मैने जिला पंचायत को इस आशय का आदेश पत्र जारी कर दिया है। जांच चल रही है जिस भट्ठे में यह गड़बड़ी पाई जाएगी उस भट्ठे के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर कार्यवाही की जाएगी.'

राकेश कुमार, डीएम