- आरपीएफ के चार कर्मचारी बर्खास्त, तीन की जांच

- चार्जशीट फाइल होने पर अधिकारियों ने उठाया कदम

GORAKHPUR: रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में ड्यूटी के दौरान मनमाना रवैया जिम्मेदारों को भारी पड़ा। जांच के दौरान आरोप सिद्ध होने पर दोषियों को बल से बर्खास्त कर दिया गया है। बड़े पैमाने पर हुई कार्रवाई से आरपीएफ में हड़कंप मचा हुआ है। आईजी ने कहा है कि रुल्स एंड रेग्युलेशन के खिलाफ आचरण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

अनुशासनहीनता, छल-कपट पड़ा भारी

आरपीएफ में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। जवानों के गलत आचरण की शिकायत पर मामलों की जांच कराई जा रही है। साल 2017 में जिन जवानों के खिलाफ शिकायत हुई थी। जांच में उनके खिलाफ चार्जशीट फाइल होने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई कर दी गई। तीन अन्य लोगों की जांच चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि जांच में दोष सिद्ध होने पर उनकी भी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।

चार्जशीट होने पर की जा रही कार्रवाई

एनई रेलवे आरपीएफ के विभिन्न पदों पर तीन हजार से अधिक अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं। रेलवे की सुरक्षा में लगे जवानों से अनुशासन में रहकर उचित कार्य की अपेक्षा अधिकारी करते हैं। लेकिन कुछ लोग अपने पद की गरिमा के विपरीत आचरण करने से नहीं चूक रहे। ऐसे लोगों की शिकायत मिलने पर नोटिस देकर मामले की जांच कराई गई है। कमाडेंट, सहायक कमाडेंट सहित अन्य स्तरों से हुई जांचों में दोष साबित होने पर आईजी ने कार्रवाई का आदेश जारी किया है।

इनके खिलाफ हुई कार्रवाई

1. आरपीएफ कांस्टेबल संतराम- आरोप लगा था कि जहरखुरानी के शिकार व्यक्ति को कांस्टेबल संतराम ने अस्पताल में भर्ती कराया। इस दौरान उसने पीडि़त व्यक्ति का मोबाइल अपने पास रख लिया। इसकी शिकायत होने पर जांच कराई गई तो आरोप सही पाए गए।

2. कांस्टेबल कंचन मिश्रा- आरोप लगा था कि अपराध में शामिल व्यक्ति को पकड़ा गया। उसके पास से तलाशी के दौरान रुपए की बरामदगी हुई। रुपए कंचन के पास सुरक्षित रखा गए जिनका गबन उन्होंने कर लिया। इसका मुकदमा जीआरपी में दर्ज कराया। जीआरपी ने चार्जशीट फाइल कर दी। जांच में आरोप सही मिलने पर बल से बर्खास्त कर दिया गया।

3. कांस्टेबल मेराज आलम- रेलवे स्टेशन परिसर में लगा बल्ब चोरी होने की शिकायत सामने आई। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में सामने आया कि आरपीएफ जवान मेराज आलम बल्ब चुराकर घर ले जाते हैं। मेराज के खिलाफ चार्जशीट फाइल होने पर अधिकारियों ने कार्रवाई का आदेश दिया।

4. एएसआई प्रभु नारायण - आरोप लगा था कि स्क्रेप मैटेरियल्स की डिलीवरी देने के दौरान गड़बड़ी की थी। डिलेवरी विटनेस में गए एएसआई को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। इस मामले में रेलवे के दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। विभाग ने जांच में तलाश की तो फरार हो गए। दोष सामने आने पर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई।

इनके खिलाफ लंबित है जांच

- हेड कांस्टेबल राजेंद्र कुमार और बालेंद्र यादव- रेलवे स्टेशन परिसर में अवैध वेंडर्स से धन उगाही करके उनकी दुकान लगवाने में मदद करने का आरोप लगा है। मछली वालों से कांस्टेबल के वसूली करने का वीडियो बनाकर किसी ने अधिकारियों को भेज दिया। इस आधार पर जांच पड़ताल चल रही है।

- एएसआई विनय कुमार पाठक- आरोप है कि रुपए लेकर एएसआई ने गलत तरीके से ट्रक चलाने में मदद की। पैसा लेकर पकड़े गए ट्रक को छोड़ दिया। इसकी शिकायत होने पर जांच सेटअप किया गया है।

आरपीएफ के रुल्स एंड रेगुलेशन हैं। बल के विरुद्ध आचरण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। चार लोगों को बर्खास्त कर दिया गया है। तीन अन्य के खिलाफ विभागीय जांच जारी है। उनका दोष साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी। विभाग में अनुशासनहीनता और गलत आचरण कतई बर्खास्त नहीं किया जाएगा।

राजाराम, आईजी आरपीएफ एनई रेलवे