बोलने के लिए प्रेरित किया
सीएम ने विधायकों को सदन में बोलने के लिए प्रेरित किया। कहा कि बोलने में संकोच मत कीजिए, बोलेंगे तभी जनता की आवाज सदन तक आएगी। नए विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली को पूरा पढें। उसे जानने के बाद ही बातों को सही तरीके से रख पाएंगे. 

डॉ। प्रेम ने सदन को लंबा चलाने का आग्र्रह किया जिसे स्वीकार करते हुए सीएम ने कहा कि हम इसके लिए तैयार हैं, लेकिन कई बार बजट सत्र जब लंबा खींच जाता है तो कई सदस्य ऊब जाते हैं। विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो दूसरी तरफ पांच साल बैठेंगे, वे क्या करेंगे? उन्हें अपनी बात कहने का पूरा मौका मिलना चाहिए। नए विधायकों के लिए नीतीश शिक्षक की भूमिका में नजर आए। उन्होंने सदस्यों को सदन में भागीदारी और सक्रियता का ककहरा सिखाया। उनके कर्तव्य और उनकी जिम्मेदारियों पर खुलकर बातें कीं। नए सदस्यों को प्रारंभिक ज्ञान देते हुए नीतीश ने कहा कि कार्यवाही में बैठिए। सदन में समय बिताइए तभी जनता का पक्ष सत्ता तक पहुंचा सकेंगे। जो कुछ बोलना चाहते हैं, उसे अगले सत्र के लिए मत टालिए.

 

बोलने के लिए प्रेरित किया

सीएम ने विधायकों को सदन में बोलने के लिए प्रेरित किया। कहा कि बोलने में संकोच मत कीजिए, बोलेंगे तभी जनता की आवाज सदन तक आएगी। नए विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली को पूरा पढें। उसे जानने के बाद ही बातों को सही तरीके से रख पाएंगे। डॉ। प्रेम ने सदन को लंबा चलाने का आग्र्रह किया जिसे स्वीकार करते हुए सीएम ने कहा कि हम इसके लिए तैयार हैं, लेकिन कई बार बजट सत्र जब लंबा खींच जाता है तो कई सदस्य ऊब जाते हैं। विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो दूसरी तरफ पांच साल बैठेंगे, वे क्या करेंगे? उन्हें अपनी बात कहने का पूरा मौका मिलना चाहिए। नए विधायकों के लिए नीतीश शिक्षक की भूमिका में नजर आए। उन्होंने सदस्यों को सदन में भागीदारी और सक्रियता का ककहरा सिखाया। उनके कर्तव्य और उनकी जिम्मेदारियों पर खुलकर बातें कीं। नए सदस्यों को प्रारंभिक ज्ञान देते हुए नीतीश ने कहा कि कार्यवाही में बैठिए। सदन में समय बिताइए तभी जनता का पक्ष सत्ता तक पहुंचा सकेंगे। जो कुछ बोलना चाहते हैं, उसे अगले सत्र के लिए मत टालिए।