RANCHI : झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अधीन घरों पर वर्षो से अवैध कब्जा जमाए लोगों के लिए यह एक अच्छी खबर है। झारखंड सरकार ने पिछले 10 वर्षो से अवैध कब्जे वाले मकानों को नियमित यानी वैध करने का फैसला किया है। इसके तहत उन्हीं लोगों के नाम आवास कर दिया जाएगा, जिनका अभी कब्जा है। इसके लिए मौजूदा बाजार दर से कब्जेधारियों को राशि अदा करनी होगी। गौैरतलब है कि पूरे राज्य में झारखंड राज्य आवास बोर्ड के 2388 मकानों तथा फ्लैटों पर अवैध कब्जा है।

जिस दर्जे का घर, उतना ही जुर्माना

अवैध कब्जे को तीन वर्गो वाले घरों के रूप में चिन्हित किया जाएगा। इसके तहत निम्म, मध्य और उच्च आय वर्ग के आवास पर कब्जेधारियों को क्रमश: 25, 35 और 50 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके अलावा घरों की कीमत आवास बोर्ड (नगर विकास एवं आवास विभाग) द्वारा बाजार दर से निर्धारित की जाएगी।

सिर्फ घरों को नियमित किया जाएगा

झारखंड कैबिनेट की ओर से नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से लाए गए इस प्रस्ताव में यह प्रावधान है कि केवल आवासीय इकाई, मकान अथवा फ्लैट ही नियमित किए जाएंगे। कॉमर्शियल यूज वाले अवैध कब्जे वाले परिसर इस योजना में शामिल नहीं हैं। इसके अलावा अवैध कब्जे वाले भू-खंडों को भी इसमें शामिल नहीं किया गया है।

60 किश्तों में देनी है राशि

अवैध कब्जे को नियमित कराने के लिए निर्धारित कीमत की 30 फीसदी राशि तत्काल जमा करने का प्रावधान किया गया है। इसके बाद शेष 70 फीसदी राशि पांच साल तक आसान मासिक किश्तों में ली जाएगी। हर महीने की पांच तारीख तक किश्त का भुगतान करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने पर 15 फीसदी ब्याज के साथ राशि वसूली जाएगी। लगातार तीन महीने तक पैसे जमा करने में देर होने पर पहले जमा की गई पूरी राशि जब्त करते हुए आवास बोर्ड आवंटन रद्द कर देगा। 60 महीनों के बाद जैसे ही पूरी राशि वसूल ली जाएगी, वैसे ही मकान पर कब्जा वैध हो जाएगा।

पैसे नहीं चुकाए, तो खाली कराए जाएंगे घर

कैबिनेट सचिव एसएस मीणा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि इस योजना के तहत जिन अवैध कब्जेधारियों की ओर से पैसे नहीं चुकाए जाएंगे, उनके घरों का कब्जा हटाया जाएगा।

प्रस्तुत करना होगा कब्जे के इतिहास का प्रमाण

मकान अथवा फ्लैट पर अवैध कब्जे का प्रमाण खुद कब्जेधारियों को प्रस्तुत करना होगा। सरकार उन्हीं कब्जों को वैध करेगी, जिनकी अवधि कम से कम 10 साल की होगी। इसके लिए कब्जा जमाए लोगों को वोटर आईडी कार्ड में नाम दर्ज होने की तिथि, बिजली या पानी के कनेक्शन जैसे सरकारी प्रमाण ही मान्य होंगे।

एक परिवार को एक ही घर मिलेगा

अवैध कब्जे वाले परिवारों में से किसी एक व्यक्ति के नाम से ही मकान नियमित किया जाएगा। इसके लिए आवेदन करनेवालों से यह शपथ पत्र लिया जाएगा कि संबंधित शहर में उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य के नाम से जमीन, आवासीय मकान या फ्लैट नहीं है। गलत शपथ पत्र देने पर बाद में भी आवंटन रद्द करने और कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है।