ममता बनर्जी ने इलेक्शन से पहले एक वार रुम बनाया था. इस वार रूम की जिम्मेदारी उन्होंने आईआईएम कोलकाता के दो स्टूडेंट्स को सौंपी थीं जिनके नाम हैं, हरिहरन श्रीराम (24) और मनसा टंडन (27). दोनों ने ही पर्दे के पीछे रहकर एक स्टेट से लेफ्ट पार्टी का सफाया कर दिया.

Shreeram and Mansa

Two face
इन दोनों ने मल्टीनेशनल कंपनी की जॉब ऑफर ठुकरा के तृणमूल से रिश्ता जोड़ा तो शुरुआत में लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि ये दोनों ही ममता की पार्टी को जेन वाई से इस तरीके से जोड़ देंगे. हरीहरन ने त्रिची के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक कर आईआईएम कोलकाता में एडमिशन लिया था. वे मूल रूप से चेन्नई के हैं.

Victory

TMC

वहीं मनसा ने सिडनी में पढ़ाई की है. इन दोनों ने तृणमूल को एक नया रूप देने में दिन रात मेहनत की है. लेफ्ट पार्टी से साइबर वार में इन दोनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. यूथ को पार्टी से जोड़ने के लिए इन्होंने साइबर प्लान तैयार किया और सक्सेस हासिल की.

ममता ने आईआईएम के स्टूडेंट्स के लिए पार्टी में इंटर्नशिप की व्यवस्था कर इंडियन पॉलिटकल टर्मिनोलॉजी को अमेरिकी स्टाइल देने की कोशिश की थी. देश भर में दीदी के नाम से मशहूर ममता बनर्जी ने कैंपेन टीम में यूथ को सबसे अधिक अहमियत दी. उन्होंने वेब सर्किल का पूरा इस्तेमाल किया और वेबसाइट- सोशल नेटवर्किंग साइट्स से लोगों को जो़ड़ने का काम किया. इसमें उन्हें सफलता भी मिली.

अब ममता की बारी

Didi

हालांकि सीपीएम ने भी 2007  में आईआईएम अहदमाबाद के स्टूडेंट चेपूरी श्रीकृष्णा को पार्टी में इंटर्न के रूप में जगह दी थी. वहीं 2009 के लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी लीडर एलके आडवाणी ने अपने कैंपेन टीम में आईआईएम कोलकाता के स्टूडेंट हर्षवर्धन छापडिया को जगह दी थी.

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