IIT BHU सुझायेगा बेहतर रेल का रास्ता

-संस्थान में प्रस्तावित 'मालवीय चेयर फॉर रेलवे टेक्नोलॉजी' में रिसर्च के लिए बनाया जा रहा है प्रारूप

-रेलवे को उपलब्ध करायी जाएगी बेहतर टेक्नोलॉजी ताकि कम खर्च में पैसेंजर्स को मिल सकें सुविधाएं

VARANASI: अगर ऐसा कहा जा रहा है तो आने वाले दिनों में रेलवे की बेहतरी का रास्ता बनारस से हो जायेगा। जी हां, आईआईटी बीएचयू ने रेलवे को बेहतर बनाने की दिशा में अपनी नजरें केंद्रित कर दी हैं। बस देर है तो 'मालवीय चेयर फॉर रेलवे टेक्नोलॉजी' के नाम से प्रस्तावित सेंटर के शुरू होने की। भारत के रेल मंत्री सुरेश प्रभु के आईआईटी बीएचयू में इस नये सेंटर को खोले जाने की घोषणा के बाद यहां रिसर्च का प्रारूप तैयार किया जा रहा है।

छह विभागों की भागीदारी

आईआईटी में रेलवे की बेहतरी के लिए किन विषयों में रिसर्च किया जाना है यह जल्द ही तय कर लिया जायेगा। आईआईटी में मौजूद डिपार्टमेंट्स रेल को किस तरह बेहतर टेक्नोलॉजी की सौगात दे सकते हैं इसके लिए उनकी भूमिकाएं तय की जा रही हैं। कोशिश है कि रेलवे को ऐसी बेहतर टेक्नोलॉजी उपलब्ध करायी जाये जिससे कम खर्च में पैसेंजर्स को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। रेल की गति भी बढ़े और आय भी। सूत्रों की मानें तो आईआईटी के मेटलर्जी इंजीनियरिंग, सेरेमिक इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग व इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।

अलग से बनेगा सेंटर

संस्थान परिसर में सेंटर के लिए अलग स्थान तय होगा। रिसर्च में रेलवे के संदर्भ में ऐसे नवीन धातुओं की खोज की जायेगी जो हल्के और उनकी मजबूती भी बेमिसाल हो। इनसे बोगियों का भार घटाया जा सकेगा। इसके अलावा रेल यात्रा के दौरान यात्रियों को कम झटके लगें इसके लिए खास तरह के शॉकर विकसित करने की दिशा में शोध किया जायेगा। रेल ट्रैक की मजबूती को भी शोध के विषय के रूप में शामिल किया जायेगा।