राजनीति में भरोसा

आईआईटी का कहना है कि इस सर्वे का मकसद था कि आईआईटी में दाखिला लेने वाले छात्रों की जिंदगी, समाज और राजनीति के बारे में किस तरह का नजरिया रखते हैं। राजनीति के बारे में जब छात्रों के विचार को परखने की कोशिश की गई तो ज्यादातर छात्रों का नजरिया उदारवादी था। यानि कि आईआईटी के नए छात्रों को कट्टर राजनीति में भरोसा नहीं था।

सहमति दर्ज करायी

समलैंगिकता और समलैंगिक विवाह पर 75 फीसद छात्रों ने अपनी सहमति दर्ज करायी। सर्वे में शामिल 875 छात्रों में से 254 छात्रों का दाखिला जेईई के जरिए हुआ था। इनसाइट न्यूज पेपर के चीफ एडिटर ने कहा कि इस सर्वे से आईआईटी कैंपस के डेमोग्राफी के बारे में अध्ययन किया गया। उन्होंने कहा कि इसका मकसद ये है कि संस्थान में तकनीकि पढ़ाई के अलावा सामजिक और राजनीतिक मुद्दों पर छात्रों के नजरिये को जानने की कोशिश की गई।

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डिफरेंट एवरेज दिखा

इतना ही नहीं इस सर्वे में धार्मिक और नास्तिक छात्रों का डिफरेंट एवरेज सामने आया है। इसमें करीब 60 फीसद से ज्यादा धार्मिक विश्वासों में यकीन नहीं रखते हैं जबकि 30 फीसद छात्रों ने धर्म को जिंदगी का एक अनिवार्य अंग बताया। सर्वे में जब छात्रों से भगवान के बारे में सवाल किया गया तो 18 फीसद नास्तिक, 35 फीसद संशयवादी और 47 फीसद आस्तिक निकले।

साइट्स का इस्तेमाल

सेल फोन और स्मार्ट फोन के बारे में छात्रों ने बताया कि 1.5 घंटे तक वो अपना समय सोशल साइट्स का इस्तेमाल करते हैं। और सेल फोन जिंदगी के अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं। पिछले साल सितंबर से सर्वे की कवायद शुरू हो गयी थी। करीब सात-आठ महीने की कवायद के बाद कल सर्वे का परिणाम घोषित किया गया।

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