-परिजनों के मुताबिक डेंगू हुआ था, आईआईटी के हेल्थ सेंटर में नहीं हुआ सही इलाज, प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत

-कर्मचारी संगठन के लोगों ने शव आईआईटी क्रॉसिंग पर रखकर घंटों किया बवाल, रोड पर आने-जाने वालों को भगाया

KANPUR : आईआईटी गेट पर गुरुवार को आईआईटी कर्मी की मौत पर घंटों हंगामा और बवाल चला। इस दौरान आईआईटी का गेट घंटों बंद रहा। पुलिस ने जैसे-तैसे वहां से गुजरने वाली ट्रेनों को निकलवाया, लेकिन इस दौरान बवाल कर रहे लोगों ने आने-जाने वालों को वहां से भगा दिया। हंगामा करने वाले कर्मियों और मृत कर्मचारी के परिजनों का आरोप था कि आईआईटी के हेल्थ सेंटर में सही इलाज नहीं मिला।

लाठी खाने के बाद भी नहीं हटे लोग

वहीं कर्मचारी संगठन मृतक के बेटे को मृतक आश्रित पर नौकरी की भी मांग कर रहे थे। इस दौरान सीओ कल्याणपुर समेत सर्किल का फोर्स और एसीएम ने भी कई घंटे हंगामा करने वाले लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानें। देखते ही देखते जरीब चौकी पर दोनों छोर पर भीषण जाम लग गया। जाम में सैकड़ों लोग फंस गए। थोड़ी देर के बाद कंट्रोल रूम पर सूचना पहुंची, जिसके बाद भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। फोर्स ने लोगों को लाठी पटक कर वहां से हटाने की कोशिश की, लेकिन फिर भी लोग हटने को तैयार नहीं हुए।

ब्लड टेस्ट में थे डेंगू जैसे लक्षण

आईआईटी में संविदा पर हेल्पर के रूप में कार्यरत सीताराम यादव कई दिनों से बुखार से पीडि़त थे। दो दिन पहले उन्होंने आईआईटी के ही हेल्थ सेंटर में दिखाया, जहां उन्हें दवा देकर घर भेज दिया गया। अगले दिन हालत बिगड़ी तो फिर वह हेल्थ सेंटर पहुंचे यहां पर ब्लड टेस्ट में डेंगू जैसे लक्षण मिले तो उन्हें कल्याणपुर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां पर बुधवार देर रात सीताराम की मौत हो गई।

गेट बंद तो क्रॉसिंग पर रख्ा दिया शव

सीताराम की मौत से गुस्साए परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया और शव लेकर नानकारी स्थित घर जाने लगे, लेकिन हंगामे की आंशका पर आईआईटी का गेट बंद कर दिया गया। इस पर परिजनों ने शव गेट पर ही रख दिया। इसके बाद कर्मचारी संगठन के भी काफी लोग वहां जुट गए और हंगामा करने लगे। भीड़ बढ़ती देख सीओ कल्याणपुर आशीष श्रीवास्तव, एसीएम राजेंद्र त्रिपाठी समेत सर्किल का फोर्स वहां पहुंच गया। इस दौरान नाराज परिजनों ने सड़क जाम करने की कोशिश की। परिजनों की मांग की थी सीताराम के बेटे को मृतक आश्रित में नौकरी दी जाए। अधिकारियों ने काफी देर समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। आईआईटी द्वारा आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने जाम हटाया।