CHAIBASA: 'दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट' के तत्वावधान में शुक्रवार को इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट आईआईटी (आईआईटी) सीजन-5 का सिटी के विभिन्न स्कूलों में सफल आयोजन किया गया। शहर के आधा दर्जन से ज्यादा स्कूलों में कक्षा 5 से लेकर 12 तक स्टूडेंट परीक्षा में शामिल हुए। डीपीएस स्कूल के प्रधानाचार्य दीपेंद्र पसाद साहू ने बताया कि वह हर सीजन की तरह इस बार भी उनके यहां के बच्चे टेस्ट में शामिल हुए। इस मौके पर दीपक गौड़ प्रदीप कुमार साव, रिकूं राजश्री सिंकू आदि अध्यापक गण मौजूद रहे।

दो घंटे की हुई परीक्षा

दो घंटे की इस परीक्षा में मल्टिपल इंटेलिजेंस सेक्शन में 40 और एप्टीट्यूड सेक्शन में 100 सवाल पूछे गए। इस टेस्ट में क्लास 5 से लेकर 12 तक के स्टूडेंट्स शामिल हुए।

सिलेबस से पूछे गए सवाल, खिले चेहरे

एप्टीट्यूड सेक्शन में सभी क्लासेज के सिलेबस के भीतर से ही 100 सवाल पूछे गए थे। सवाल देखकर छात्र-छात्राओं के चेहरे खिल उठे। अधिकतर स्टूडेंट्स ने निर्धारित समय सीमा से पहले ही सभी सवालों को हल कर लिया। वैसे दसवीं और बारहवीं के स्टूडेंट्स को मैथमेटिक्स और साइंस सब्जेक्ट्स के सवालों को हल करने में थोड़ा ज्यादा समय लगा। हालांकि, उन्होंने भी 120 मिनट के भीतर ही सभी परीक्षा में पूछे गए सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश की। एग्जाम में हर गलत जवाब के लिए एक अंक की कटौती का प्रावधान था। यही वजह थी कि स्टूडेंट्स ने उन्हीं सवालों को अटेंप्ट किया, जिनके जवाब को लेकर वे श्योर थे।

एक्साइटमेंट भी था और बेचैनी भी

आईआईटी में क्लास 5, 6 और 7 के बच्चों में भी पूरा एक्साइटमेंट देखा गया। वे ओएमआर शीट में पहली बार परीक्षा दे रहे थे। उन्हें आगे भी इस तरह की परीक्षाएं फेस करनी हैं। इस लिहाज से आईआईटी उनके लिए एक रोडमैप बन गया। बच्चों ने एग्जाम शुरू होने से पहले ही अपने टीचर्स से ओएमआर भरने की प्रोसेस जान ली। इसके बाद उन्हें टेस्ट देने में कोई परेशानी नहीं हुई। क्वेश्चन पेपर के लैंग्वेज का सेलेक्शन करने की आजादी थी, इसलिए परीक्षा देने में भाषा की भी कोई बाध्यता नहीं रही। तीन सेंटर्स में कई बच्चों ने हिन्दी लैंग्वेज का सेलेक्शन किया था। उन्हें इसी भाषा में प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए गए थे।

टीचर्स का भी मिला पूरा सपोर्ट

आईआईटी को लेकर स्कूलों में भी पहले से ही पूरी तैयारी कर ली गई थी। ज्यादातर बच्चों को उनके क्लास में ही टेस्ट देने की व्यवस्था पहले से ही कर ली गई थी। कई स्कूलों में एक दिन पहले सैंपल क्वेश्चन पेपर से प्रैक्टिस करायी गई थी। टेस्ट सुबह दिन के 11 बजे से शुरू हुआ। दिन के 1 बजे एग्जाम फिनिश हुआ, जिसके बाद स्कूलों में छुट्टी हुई। इस दौरान स्कूलों के टीचर्स और प्रिंसीपल्स का भी पूरा सहयोग मिला। टीचर्स भी इस टेस्ट को लेकर उत्साहित थे। क्वेश्चन और ओएमआर डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर टेस्ट की समाप्ति पर पेपर्स वापस लेने तक टीचर्स मुस्तैद रहे।

खुद को आंकने का बेहतरीन अवसर

परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स का कहना था कि इस टेस्ट ने उन्हें खुद को पहचानने और परखने का एक मौका दिया है। स्कूल में तो रेगुलर टेस्ट्स होते हैं, लेकिन कॉम्पटीशन के पैटर्न पर पहला मौका इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट (आईआईटी) में मिला। काफी कुछ नया सीखने और खुद को कॉम्पटीशन के लिहाज से आंकने का इससे अच्छा अवसर कुछ नहीं हो सकता। कॉम्पटीशन की तैयारी में आईआईटी एक गाइड की तरह रास्ता दिखाएगा।

ओएमआर से हुआ नया अनुभव

एग्जाम दे रहे स्टूडेंट्स ने बताया कि कॉम्पटीशन में ओएमआर सीट पर ही एग्जाम होता है। ऐसे में आईआईटी में हम लोगों को काफ कुछ नया सीखने का मौका मिला। कॉम्पटीशन कैसे दिया जाता है, उसका पैटर्न क्या होता है, आगे भी ऐसी परीक्षा का आयोजन कराते रहना चाहिए, ताकि हमारा नॉलेज बढ़ता रहे। आईआईटी ने हमें कॉम्पटीशन में आने वाले क्वेश्वन के पैटर्न पर एग्जाम कराकर गाइड किया है। इसमें सभी क्वेश्चंस मल्टीपल च्वाइस के थे। इसमें हमारी बुद्धिमत्त की भी जांच हुई। तार्किक परीक्षण, सामान्य ज्ञान, भौतिक विज्ञान, रासायन विज्ञान, गणित व जीव विज्ञान से सवाल पूछे गए थे। स्टूडेंट्स पेपर में एप्टीट्यूड टेस्ट को लेकर उत्साहित दिखे।