कई दिन बाद भी समस्या का समाधान न मिलने से थे खफा

मिर्जापुर रोड पर चक्काजाम करने की कोशिश

समस्याओं के निराकरण हेतु कई दिनों से आईटीआई कालेज में चक्कर काट रहे दर्जनों छात्रों का आक्रोश सोमवार दोपहर कालेज प्रशासन के बेरूखी से फूट पड़ा। छात्रों ने परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर तोड़फोड़ की। इसके बाद मिर्जापुर रोड पर चक्काजाम करने की कोशिश भी की। छात्रों के उग्र रूप को देख कई कर्मचारी मौके से भाग निकले।

छात्रों की पुलिस से झड़प

सूचना पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को समझाते हुए चक्काजाम करने से मना कर दिया। इस बीच छात्रों और पुलिस कर्मियों के बीच काफी देर गहमागहमी भी हुई। छात्रों को आरोप है कि बिना रोल नम्बर व पंजीयन संख्या प्राप्त होने से उन्हें प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में फेल होना पड़ा। कालेज प्रशासन की लापरवाही के चलते सभी ट्रेड के दर्जनों छात्रों के बीच यह समस्या काफी दिनों से चली आ रही है। कई बार आश्वासन मिलने के बावजूद भी अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका। अब सेकेंड सेमेस्टर परीक्षा के दिन नजदीक आ चुके है। इस बात की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे प्रधानाचार्य ने छात्रों को आश्वासन दिया कि परीक्षा से पहले उसकी समस्या का हल कर दिया जाएगा। इसके बाद छात्र घर लौट गये।

बिना रोल नंबर का प्रवेश पत्र

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नैनी आईटीआई में फिटर, इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रीशयन, वायर मेन, वेल्डर, मैकेनिकल आदि ट्रेडों में छात्रों को प्रशिक्षित किया जाता है। बता दे कि वर्ष 2015 के नये बैच में सैकड़ों छात्रों ने अपने मनपंसद ट्रेडों में दाखिला लिया था। फरवरी 2016 में सभी ट्रेडों के प्रथम समेस्टर की परीक्षा में शामिल दर्जनों छात्रों के रोल नम्बर प्रवेश पत्र में अंकित नहीं थे। नतीजा उन्हें प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में फेल होने पड़ा। इसके बाद से छात्र लगातार अपनी समस्या के समाधान हेतु कई बार कालेज का चक्कर लगा चुके है। हर बार उन्हें आश्वासन पर ही टीका दिया जाता है। सोमवार दोपहर अचानक छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। इस दौरान परिसर में रखे गमले की तोड़फोड़ करने के बाद छात्रों ने प्रशासनिक भवन पर ताला जड़ दिया। इसके बाद कालेज प्रशासन के विरूद्ध नारे लगाते हुए सड़क पर उतर आये। आक्रोशित छात्र मिर्जापुर रोड पर चक्काजाम करने की कोशिश करने लगे तभी मौके पर आ धमकी। इस बीच पुलिस और छात्रों के बीच जमकर कहासुनी हुई। कालेज प्रधानाचार्य अरूण यादव के आश्वासन के बाद छात्रों का आक्रोश शांत हुआ।