--DJ i next की ओर से आयोजित IIT कॅरियर काउंसलिंग में एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंट्स को दिए टिप्स

-आईआईटी क्वालिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को मिला सर्टिफिकेट

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स्टूडेंट्स को अपने कॅरियर का चुनाव खुद तय करना होगा। उन्हें यह आभास होना चाहिए कि उनका रुझान किस ओर है। कॅरियर काउंसलर सिर्फ आपको सही रास्ता बता सकते हैं लेकिन उस बताए हुए रास्ते पर चलने का काम आपका है। सही मायने में पेरेंट्स से बढि़या कोई काउंसलर नहीं होता है। ख्ब् घंटे आपके साथ समय एक्सपेंड करने वाले पेरेंट्स ही सही-गलत के बारे में आपको गाइड कर सकते हैं। इसलिए पेरेंट्स को कभी इग्नोर न करें। ये बातें कॅरियर एक्सप‌र्ट्स ने रविवार को रामकटोरा स्थित डॉलिम्स सनबीम स्कूल में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित आईआईटी सीजन ब् के तहत कॅरियर काउंसलिंग प्रोग्राम में कहीं। काउंसलिंग एक्सपर्ट अनुपम रघुवंशी और कॅरियर गुरु फेमस रविंद्र सहाय ने स्टूडेंट्स को सफलता के कई टिप्स दिए। इस प्रोग्राम में बनारस सहित पूर्वाचल भर से जुटे पेरेंट्स सहित स्टूडेंट्स ने एक्सप‌र्ट्स की बातों को न सुना बल्कि डायरी में भी नोट किया। वहीं आईआईटी सीजन ब् को क्वालिफाई कर चुके स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट व रिपोर्ट भी वितरण किया गया।

कॉम्प्टीशन वही दीजिए जो दिल करे

स्टूडेंट्स को उसी कॉम्पटीशन में पार्टिसिपेट करना चाहिए जिसमें उनका दिल लगे। यह ध्यान देने वाली बात है कि यदि विराट कोहली को गेंदबाजी और ईशांत शर्मा को बल्लेबाजी कराई जाए तो रिजल्ट आप खुद समझ सकते हैं। ठीक उसी तरह यह स्टूडेंट्स पर भी लागू होता है। जिस फील्ड की ओर उनका मन है उसी फील्ड में कॅरियर बनाना चाहिए। यह बात स्टूडेंट्स के साथ-साथ पेरेंट्स को भी समझना चाहिए।

तोड़ेंगे तभी बडे़ होकर जोड़ेंगे

जिस दिन बच्चे को कुछ तोड़कर खुशी मिलेगी तो वह एक अलग ही खुशी होगी। बच्चा कुंठित नहीं होगा। लेकिन जब बचपन में बच्चे कुछ तोडे़ंगे नहीं तो वही बच्चे बड़े होकर बात तोड़ेंगे, पेरेंट्स के सपने को तोडें़गे। इसलिए बच्चों को बिल्कुल फ्री रखें। बचपन की शरारतों पर पाबंदी नहीं लगाएं। बच्चों को सपोर्ट करें, विशफुल थिंकिंग जरूरी है।

बच्चों को दें क्वालिटी टाइम

समय ऐसा आ गया है कि पेरेंट्स के पास बच्चों के लिए टाइम ही नहीं है। ख्ब् घंटे में एक से दो घंटे का भी समय पेरेंट्स नहीं निकाल पा रहे हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों को क्वालिटी टाइम दें, लाइफ का गोल क्या है? उस पर मंथन करें। पड़ोसी क्या कहते हैं पेरेंट्स इस पर फोकस न करें बल्कि अपने बच्चे की पढ़ाई और उसके कॅरियर पर फोकस करें। बच्चों के साथ घूमे, साथ में खाना खाएं और उनकी क्या जरूरत है? इस पर ज्यादा फोकस करें।

बच्चों के लिए मां-बाप को समय निकालना ही होगा। बच्चों के साथ घूमें, साथ में खाना खाएं और जब भी समय मिले बैठकर बात करने की आदत डालें। ऐसा करने से बच्चा जहां मजबूत होगा वहीं उसके मन से कई शंकाएं अपने आप निकलती जाएंगी। जब मन में कोई वहम नहीं होगा तो आटोमैटिक वह अपना बेस्ट देगा।

अनुपम रघुवंशी, एक्सपर्ट

कॅरियर काउंसलिंग

पेरेंट्स अपनी बच्चे की क्षमता का आकलन खुद करें। ऐसा न हो कि पड़ोसी का लड़का 9भ् परसेंट मा‌र्क्स लाया है तो उसे लेकर अपने बच्चे को उलाहना दें। हर बच्चे में कुछ न कुछ अलग खासियत जरूर होती है। स्पो‌र्ट्स, सिंगिंग, डांस कुछ न कुछ खास होता है। पेरेंट्स बच्चे की उसी टैलेंट को पहचानें।

रविंद्र सहाय, कॅरियर गुरु

आमतौर पर देखा जाता है कि स्टूडेंट्स सिर्फ पेरेंट्स के कहने या फिर अपने फ्रेंड्स के इंट्रेस्ट के मुताबिक अपना कॅरियर तय करते हैं। लेकिन इस प्रोग्राम के बाद ऐसे स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को काफी कुछ सीखने को मिला है।

इश्तिा बनर्जी, पि्रंसिपल

डॉलिम्स सनबीम स्कूल, रामकटोरा

इन्होंने पूछे क्वेश्चन

-नीलम दूबे, अनन्या यादव, सरोज यादव, राजीव रंजन, अविनाश सिंह, संदीप यादव, अन्नू श्री, श्रेयांश मिश्रा, अंगिरा यादव, उमाकांत यादव, एमएस कमल, हीना श्रीवास्तव, राजेश गुप्ता, प्रभात मिश्रा, संदीप शर्मा, सुलेखा।

सही मायने में यह प्रोग्राम बच्चों के साथ ही पेरेंट्स की आंखे खोलने वाला साबित हुआ। जितने भी भ्रम थे सब दूर हो गए।

नीलम दूबे, पेरेंट्स

बच्चों को कैसे पढ़ाना है? उनकी देखभाल कैसे करनी है और उनकी जरूरतें क्या हैं? आदि स्टेप बाय स्टेट जानकारी मिली।

प्रभात मिश्रा, पेरेट्स

इस प्रोग्राम से यह तो क्लीयर हो गया कि बच्चों को कैसे पढ़ाना है? उनके कॅरियर के लिए क्या और कैसे करना है? एक्सप‌र्ट्स की हर बात जेहन में बस गई।

राजीव रंजन, पेरेंट्स

यहां का अनुभव काफी अच्छा रहा, काफी कॉन्सेप्ट क्लीयर हुए। अपने बच्चों का फ्यूचर कैसे संवार सकते है? इसकी पूरी जानकारी मिली।

सरोज यादव, पेरेंट्स

काउंसलिंग प्रोग्राम से खुद की तैयारी के बारे में पता चला। कॅरियर को किस दिशा में ले जाना है। इसकी बखूबी जानकारी हुई।

अनन्या यादव, स्टूडेंट

फ्यूचर के लिए किस तरह से खुद को तैयार करना है। इसके लिए एक्सपट्स के सजेशन को नोट कर लिया है।

अंगिरा तिवारी, स्टूडेंट

इस प्रोग्राम से हमारी सोच का दायरा बढ़ा है। कॅरियर सेलेक्शन में क्या जरूरी प्वाइंट्स हैं इसके बारे में काफी नॉलेज मिली।

संदीप यादव, स्टूडेंट

हमे कैसे पढ़ाई करनी है और अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त कर सकते हैं इसकी पूरी जानकारी प्रोग्राम में मिली।

अन्नू श्री, स्टूडेंट

ऑफिस से ले सकते हैं सर्टिफिकेट

आईआईटी सीजन ब् को क्वालिफाई कर चुके स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट व रिपोर्ट भी वितरण किया गया। यदि कोई स्टूडेंट किसी कारणवश सर्टिफिकेट नहीं ले पाया है तो नदेसर स्थित दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ऑफिस से प्राप्त कर सकता है।