- 3 डॉक्टर्स के पैनल ने किया पोस्टमॉर्टम, मौत का कारण स्पष्ट नहीं

- आईआईटी शव ले जाने को अड़े परिजन, प्रशासन, आईआईटी अधिकारियों को घंटो करनी पड़ी मशक्कत

KANPUR: आईआईटी के पीएचडी स्कॉलर आलोक पांडेय की संदेहास्पद मौत का रहस्य उसका पोस्टमॉर्टम होने के बाद और भी गहरा गया है। परिजनों की मांग पर मंगलवार को आलोक का डॉ.एसके मिश्रा, डॉ.बीसी पाल और डॉ.आरके गुप्ता के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। जिसमें उसकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। डॉक्टर्स ने जांच के लिए आलोक के हार्ट, लंग और जिस जगह उसे वीगो लगाई गई वहां की स्किन को प्रिजर्व किया है। इसे आलोक के बिसरा के साथ ही जांच के लिए आगरा भेजा जाएगा। जिससे उसकी मौत की असल वजह का पता लग सके।

पीएम हाउस में घंटाें हंगामा

आलोक के पोस्टमॉर्टम के बाद जब उसके परिजन शव को आईआईटी ले जाने का प्रयास करने लगे तो पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। उन्हें समझाने के लिए आईआईटी से डायरेक्टर समेत कई अधिकारी पहुंचे। इसके अलावा एडीएम सिटी, एसपी वेस्ट व कई थानों के फोर्स को पीएम हाउस बुलाना पड़ गया। घंटों की मशक्कत के बाद परिजन माने। जिसके बाद आलोक के शव को गाजीपुर ले गए।

सीबीआई जांच का लिखित आश्वासन

दरअसल आलोक की मौत पर उसके भाई व अन्य परिजन डॉक्टर की लापरवाही और हत्या तक के आरोप लगा रहे थे। मामले की सीबीआई जांच के अलावा 50 लाख रुपए मुआवजे की भी मांग थी। समझौते के दौरान परिजनों ने लिखित में मांग पत्र डायरेक्टर को सौंपा जिस पर डॉयरेक्टर की तरफ से भी लिखित में ही आश्वासन उन्हें दिया गया।

प्रोफेसर समेत तीन पर केस

आईआईटी में पीएचडी स्कॉलर आलोक पांडेय की मौत के मामले में भाई आदर्श पांडेय ने आलोक के गाइड रहे प्रो। कमल कृष्ण कर, हेल्थ सेंटर के डॉ.शैलेंद्र किशोर, वार्डन इंचार्ज और चिकित्सालय प्रशासन के खिलाफ धारा 304- ए के तहत लापरवाही से मौत की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसके अलावा पोस्टमार्टम हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान आलोक के भाई आदर्श ने गाइड प्रो। कमल कृष्ण कर पर प्रताडि़त करने का भी आरोप लगाया है।