यहां बिना लाइसेंस के ‘बारूद’ स्टेशन रोड और जुगसलाई चौक पर
 क्रैकर्स चाहिए, पहुंच जाइए जुगसलाई स्टेशन रोड और जुगसलाई चौक के पास। बड़े और छोटे कई क्रैकर्स शॉप दिख जाएंगे। लाखों का होता है कारोबार। आजकल लग्न के सीजन में तो इनकी बल्ले-बल्ले है, लेकिन शॉकिंग एस्पेक्ट यह है यहां की पटाखे की दुकानें इल्लीगल हैं। इन एरियाज में एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से किसी को भी क्रैकर्स शॉप का लाइसेंस नहीं दिया गया। जुगसलाई के रहने वाले शिव कुमार शर्मा के आरटीआई के जवाब में डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने माना कि स्टेशन रोड और जुगसलाई चौक पर किसी को भी क्रैकर्स शॉप का लाइसेंस इश्यू नहीं किया गया है।

एक ने कहा लाइसेंस है पर दिखाया नहीं, दूसरे चलते बने
आई नेक्स्ट को जब क्रैकर्स शॉप को लेकर डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के रिप्लाई का पता चला, तो आई नेक्स्ट रिपोर्टर पहुंचे जुगसलाई स्टेशन रोड स्थित दो बड़े क्रैकर्स शॉप, पीके ट्रेडर्स और आरए ट्रेडर्स। आरए ट्रेडर्स के ऑनर रामावतार गुलाटी ने कहा कि उनके और उनके बेटे आशीष गुलाटी के नाम से लाइसेंस बना है। उन्होंने लाइसेंस नंबर तो बताए पर जब उनसे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने लाइसेंस की कॉपी दिखाने को कहा तो फाइल में लाइसेंस की कॉपी ढूंढने लगे जो काफी देर बाद भी नहीं मिली। उनके ही बगल में पीके ट्रेडर्स पहुंचे तो वहां अशोक और रितेश गुलाटी प्रजेंट थे। जब हमने उनसे परमानेंट लाइसेंस के बारे में पूछा तो अशोक सिर्फ यह कहते हुए शॉप से निकल गए कि उनके पास पिछले ढाई साल से लाइसेंस है। उनके जाने के बाद हमने रितेश से पूछा कि लाइसेंस किसके नाम से है तो उन्होंने बाद में बताने की बात कही।

पहले कहा, रामावतार गुलाटी की शॉप है और बाद में
स्टेशन रोड की दोनों बड़ी क्रैकर्स शॉप विजिट करने के बाद हम जुगसलाई चौक की तरफ बढ़े। रोड के किनारे एक पटाखे ही पटाखे नाम से क्रैकर्स शॉप दिखा। वहां सिर्फ एक बच्चा खड़ा था। हमने बोर्ड पर लिखे नंबर पर कॉल किया। उस नंबर पर किसी अरुण ने कॉल पिक किया। हमने उनसे लाइसेंस के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि वह शॉप भी रामावतार गुलाटी की है। कुछ ही देर बाद किसी दूसरे नंबर से कॉल आया और उस व्यक्ति ने कहा कि ‘पटाखे ही पटाखे’ रामावतार गुलाटी की नहीं, बल्कि अरुण की ही शॉप है।

Administration की नजर आखिर क्यों नहीं पड़ती?
एडमिनिस्ट्रेशन ने आरटीआई के रिप्लाई में यह तो लिख दिया कि जुगसलाई स्टेशन रोड और चौक पर किसी को क्रैकर्स शॉप का लाइसेंस प्रोवाइड नहीं कराया गया, पर सवाल यह भी है कि रोड के बिल्कुल किनारे चल रहे इतने बड़े क्रैकर्स शॉप्स एडमिनिस्ट्रेशन को क्यों नहीं दिखते। शॉप ऑनर बिना परमिशन लाखों का कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में अंगुली एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ भी उठती है। धालभूम एसडीओ को एक्शन लेने के लिए लिखा गया है, लेकिन कार्रवाई होगी, इसकी कम ही उम्मीद है।

मेरे और मेरे बेटे के नाम से स्टेशन रोड जुगसलाई में दो क्रैकर्स शॉप के लाइसेंस हैं। एडमिनिस्ट्रेशन की इसके बारे में निश्चित ही पता होगा।
-रामावतार गुलाटी, आरए ट्रेडर्स के ऑनर

क्रैकर्स शॉप का लाइसेंस तो है पर किसके नाम से है यह मुझे नहीं मालूम। इसकी जानकारी मुझे पापा और अंकल से लेनी होगी।
-रितेश गुलाटी, पीके टे्रडर्स के ऑनर

मैंने जुगसलाई एरिया में क्रैकर्स शॉप के लाइसेंस की जानकारी के लिए आरटीआई फाइल किया तो एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से बताया गया कि इन जगहों पर किसी को लाइसेंस नहीं दिया गया है।
-शिवकुमार शर्मा, आरटीआई एक्टिविस्ट

आरटीआई की कॉपी मिली है। पूरे डिस्ट्रिक्ट में सिर्फ दो लोगों के नाम से क्रैकर्स शॉप का लाइसेंस है पर किसके नाम से है और उसका लोकेशन क्या है यह पता लगाउंगा और गलत पाए जाने पर एक्शन लूंगा।
-प्रेम रंजन,  एसडीओ धालभूम

 

Report by : amit.choudhary@inext.co.in