शहर और आसपास बड़े पैमाने पर सक्रिय प्रापर्टी डीलर्स ने बसाई अवैध कॉलोनियां

कछार एरिया में भी बसा दी गई ्रहैं कालोनियां

सड़क का पता नहीं, जुगाड़ से मिल रही है बिजली आपूर्ति

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पूरे प्रदेश में अवैध कॉलोनी बसाने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। अब यदि इस आदेश के क्रम में हम इलाहाबाद की तुलना करें तो यहां हर दूसरी कॉलोनी ही अवैध मिलेगी। संगमनगरी में 100-200 नहीं बल्कि 500 से अधिक अवैध कॉलोनियां बसी हैं, जो अब एडीए, नगर निगम और एडमिनिस्ट्रेशन के लिए चुनौती बन गई हैं। कॉलोनाइजरों ने तो जमीन एलाट कर पैसा ले लिया। अब पब्लिक डेवलपमेंट के लिए नगर निगम व एडीए पर दबाव बना रही है। दिक्कत यह है कि अवैध होने के चलते उन्हें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध भी नहीं हैं।

प्लॉट के नाम बेच दी कृषि योग्य भूमि

भू माफिया ने शहर के बाहरी इलाकों में काश्तकारों से औने-पौने दाम पर जमीन खरीदी और छोटे-छोटे प्लाट बनाकर लोगों को बेच दिए। इसमें एडीए के अफसर और भवन निरीक्षकों की मिलीभगत भी रही है, क्योंकि बिना उनकी मर्जी के अवैध प्लाटिंग या निर्माण हो ही नहीं सकता। करेली, फाफामऊ, झूंसी, नैनी और जीटी रोड से लगे बमरौली में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियां बसी हैं। झूंसी में इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग, फाफामऊ में इलाहाबाद-लखनऊ मार्ग एवं प्रतापगढ़ मार्ग, मनौरी से बमरौली तक और करेली में कई बड़ी-बड़ी अवैध कॉलोनी बसी है। टीपी नगर, मुंडेरा, पोंगहट पुल के पास, सुलेम सराय, अयप्पा नगर, न्याय नगर, उमरपुर नींवा, रम्मन का पुरवा, भेला का पुरवा सुलेम सराय, मऊ सरैया, नेवादा, राजापुर गंगा नगर, ऊंचवा गढ़ी, लक्ष्मी नगर, गणेश नगर, कमला नगर, असदुल्लापुर नकौली, नयापुरवा आदि में भी ऐसी कॉलोनियों की भरमार है।

बाढ़ इलाके में भी मकान

हद तो यह कि हाईकोर्ट ने जिस एचएफएल (हाईएस्ट फ्लड लेवल) को निर्माण से प्रतिबंधित किया है, वहां भी नित नए मकान बन रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर अफसर नोटिस, सीलिंग और ध्वस्तीकरण आदेश तो देते हैं लेकिन कार्रवाई के नाम पर खामोश हो जाते हैं। सियासी दबाव में करीब 15 हजार ऐसे आदेश सालों से धूल फांक रहे हैं।

शहर में जमीन के भाव आसमान पर हैं। मजबूरी में प्राइवेट बिल्डर से प्लॉट खरीदना पड़ा। अब हाल ये है कि न सड़क की सुविधा है और न ही पानी मिलने की उम्मीद है।

जुबैदा बेगम

करेली

1976 के बाद आवास विकास परिषद व एडीए कोई आवासीय योजना नहीं लाए। यही वजह रही कि लोग प्राइवेट प्लाटिंग करने वालों के चंगुल में फंस गए।

लियाकत अली

आजाद नगर

प्राइवेट कॉलोनाइजरों ने सुविधा देने का वायदा कर गौस नगर क्षेत्र में दस हजार से ज्यादा प्लॉट व मकान बेचे। लेकिन जब सुविधा देने की बारी आई तो गायब हो गए।

मो। सलमान

गौस नगर

गौस नगर क्षेत्र नगर निगम के वार्ड 76 का हिस्सा है। नगर निगम ने सभी को मकान नंबर भी एलाट किया है। सुविधा के नाम पर यहां कुछ भी उपलब्ध नहीं है।

मेराज अहमद

गौसनगर

मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। नगर निगम और एडीए अवैध कालोनी कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। जबकि सभी से हाउस टैक्स लिया जाता है।

सिब्तैन अली सिद्दीकी

खुल्दाबाद

पूरे शहर में दर्जनों कॉलोनियां ऐसी हैं, जिसे प्राइवेट कॉलोनाइजरों ने बसाया है। जब ये बस रही थीं तो कोई नहीं बोला, अब हमें उजाड़ने की बात हो रही है।

फुजैल अहमद

अवैध प्लाटिंग, अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। शासनादेश के तहत इनके नियमितीकरण की प्रक्रिया भी चल रही हैं। जो नियमित नहीं होंगी, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

गुडाकेश शर्मा

अपर सचिव, एडीए

Fact file

81

अवैध कॉलोनियां थी वर्ष 2003 तक शहर में

300

हो गई वर्ष 2014 में अवैध कॉलोनियों की संख्या

500

के करीब हैं इस समय शहर और आसपास अवैध कॉलोनियों की संख्या

15000

लोगों को अवैध निर्माण पर जारी है नोटिस