- एक साल में जारी हुए अवैध निर्माण करने वालों को 607 नोटिस

- दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने कंपाउंडिंग के नाम पर वसूले 1.19 करोड़ रुपए

DEHRADUN: मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) में भी अवैध निर्माण जारी है। यही वजह है कि साडा ने एक साल के भीतर 607 से अधिक अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ नोटिस जारी किए। बदले में 1.19 करोड़ रुपए की वसूली भी की। साडा के अधिकारियों के अनुसार अवैध निर्माण के खिलाफ साडा का अभियान जारी रहेगा।

एक ग्रुप हाउसिंग को मिली है मंजूरी

यूपी के दौरान 1986 में अस्तित्व में आया साडा यानि दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का क्षेत्रफल 2265 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। एमडीडीए की तर्ज पर साडा के बायलॉज के अनुसार अवैध निर्माण कार्यो पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। हालांकि साडा क्षेत्र में कॉमर्शियल की तुलना में रेजिडेंशियल निर्माण कार्य ज्यादा बताए गए हैं। साडा अधिकारियों की मानें तो अब तक कॉमर्शियल के नाम पर डोईवाला में ही केवल एक रेजीडेंशियल ग्रुप हाउंसिंग की ही स्वीकृति दी गई है। लेकिन ज्यादातर साडा क्षेत्र में आवासीय निर्माण कार्य शामिल हैं.

अवैध निर्माण की सूची बढ़ेगी

साडा ने बीते वित्तीय वर्ष में आवासीय अवैध निर्माण कार्यो में 607 को नोटिस जारी किए हैं। साडा के मुताबिक ये वह अवैध निर्माण कार्य हैं, जिन्होंने नियमों के विरुद्ध अवैध निर्माण कार्य किए हैं। बाकायदा साडा ने इनसे 1.19 करोड़ रुपए की भी वसूली की। इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में साडा ने अब तक 193 अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि इस साल यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में ज्यादा बढ़ सकता है। दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के सचिव जीसी गुणवंत का कहना है कि अवैध निर्माण के खिलाफ साडा का अभियान जारी रहेगा। कंपाउंडिंग जारी है। नोटिस की तुलना में एक साल के भीतर 50 से अधिक सीलिंग की कार्रवाई भी पूरी हो चुकी है। साडा में करीब साढ़े चार सौ रेवन्यू गांव शामिल हैं।

विकास महायोजना 2031 को भी मंजूरी

साडा में नक्शा पास कराने के लिए एमडीडीए की तर्ज पर आवेदन शुल्क, एक प्रतिशत उपकर (लेबर सिस चार्ज), डेवलपमेंट चार्ज आदि लिया जाता है। पिछले साल दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास महायोजना ख्0फ्क् को भी मंजूरी मिली है। इस महायोजना के तहत क्षेत्र में विकास किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए साडा जुट गया है।