स्पेशल न्यूज
- बरेली में 3 सौ से ज्यादा बस गई हैं अवैध कॉलोनियां और करीब सौ मलिन बस्तियां
- अधिकारियों की कवायदों का नहीं हो रहा असर, अब ऑनलाइन करेंगे अवैध का डाटा
<स्पेशल न्यूज
- बरेली में फ् सौ से ज्यादा बस गई हैं अवैध कॉलोनियां और करीब सौ मलिन बस्तियां
- अधिकारियों की कवायदों का नहीं हो रहा असर, अब ऑनलाइन करेंगे अवैध का डाटा
BAREILLY:
BAREILLY:
शहर और आसपास के एरिया में बड़े पैमाने पर सक्रिय प्रॉपर्टी डीलर्स ने सैकड़ों अवैध कॉलोनियां बसा दी हैं। विभागों द्वारा सख्त कार्रवाई न होने से प्रॉपर्टी डीलर्स आज भी बेखौफ हैं और अवैध क्रंक्रीट का जाल बिछाते जा रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर विभाग भी महज खानापूर्ति कर रहे हैं। जिसकी वजह से रिहायशी इलाके में तब्दील हो चुकी अवैध कॉलोनियां को हटाने में बरेली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल रहे हैं। बरेली में आखिर कैसे हर दूसरी कॉलोनी अवैध बस गई आइए आपको बताते हैं
फ् सौं कॉलोनियां हैं अवैध
बरेली विकास प्राधिकरण ने वर्ष ख्00म् में अवैध कॉलोनियों की गणना की। जिसके मुताबिक शहरी एरिया में क्97 अवैध कॉलोनियों का पता चला और उन्हें नोटिस जारी किया गया। इसी दौरान नगर निगम ने 9ब् मलिन बस्तियां की गणना की। लेकिन उन्हें शिफ्ट करने की कोई कवायद नहीं की। नगर निगम ने मलिन बस्तियों के करीब ब्0 हजार परिवार को शिफ्ट करने में असमर्थता जताई थी। हालांकि, इन्हें हटाने के शासनादेश के बावजूद अधिकारियों ने हंगामा होने की संभावना जताकर शिफ्टिंग की रिपोर्ट सौंप दी थी। जबकि संबंधित वॉर्डो के पार्षदों ने भी इन्हें हटाने के लिए कई बार बोर्ड बैठक और कार्यकारिणी से गुहार लगा चुके हैं।
फिर जारी होगी 'खानापूर्ति'
सीएम योगी की सरकार बनते ही सबसे पहले अवैध कार्यो पर लगाम लगनी शुरू हुई। जिसमें अवैध कॉलोनियों पर भी कार्रवाई के आदेश जारी हुए। ब् माह से ज्यादा गुजर चुका है लेकिन अभी भी बीडीए एक भी कॉलोनी पर कार्रवाई करने पर सफल नहीं हो सका है। वहीं, नगर निगम ने भी अवैध कॉलोनियों को सुविधा नहीं देने का अलर्ट जारी किया पर उसको अमल में नहीं ला सका है। शहरवासियों के मुताबिक बीडीए और नगर निगम दोनों ने ही अवैध बस्तियों को बसाने में भूमिका निभाई है। जिसके चलते अब वह कार्रवाई से कतरा रहे हैं। हां, रह रहकर वह नोटिस जारी कर खुद को मुस्तैद दिखाने से पीछे नहीं रहते।
अब 'बदनाम' करेगा बीडीए
अवैध कॉलोनियों को बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी अब तक किसी एक भी कॉलोनाइजर्स ने अवैध को वैध बनाने में इंटरेस्ट नहीं दिखाया है। शासन से बार-बार आदेश जारी होने के बाद अब कार्रवाई करने के आदेश पर बीडीए अवैध कॉलोनियों का डाटा ऑनलाइन कर उन्हें बदनाम करने जा रहा है। जिसके बाद अवैध को वैध बनाए जाने की कवायद शुरू होगी, ऐसी संभावना है। क्योंकि पिछले करीब क्0 वर्षो से अब तक महज ब् कॉलोनियों ही वैध हो पाई हैं। जबकि ख् सौ से ज्यादा अभी भी अवैध हैं, लेकिन सुविधाएं भरपूर ले रही हैं। लेकिन अब नगर निगम अवैध कॉलोनियों को सुविधा देने से वंचित करने वाला है।
एक नजर में
- क्0 वर्ष पहले बनी अवैध कॉलोनियों की सूची
- 0ख् अवैध कॉलोनी हुई हैं वैध, अन्य अवैध
- गाइडलाइन को फॉलो करना बन रहा मुसीबत
- टैक्स समेत मैप पास करने का शुल्क लेगा बीडीए
- अवैध कॉलोनी के हर घर को देना होगा मैप शुल्क
- खाली जमीन का भी रिकार्ड जमा कराना अनिवार्य
- कॉलोनाइजर्स को कॉलोनी का पास कराना होगा मैप
- शुल्क अदायगी के बाद बीडीए शासन को देगा प्रस्ताव
- शासन से प्रस्ताव पास होने के बाद बीडीए लगाएगा मुहर
शहरी क्षेत्र का हाल
- क्0म्.ब्फ् वर्ग किमी है नगर का क्षेत्रफल
- ब् सौ से ज्यादा वर्ग किमी बीडीए का क्षेत्र
- ख्0क्क् की जनगणना में 9 लाख थी आबादी
- ख्0क्7 में क्0 लाख से ज्यादा का अनुमान
- ख्97 अवैध कॉलोनियां, ब्.भ् लाख निवासी
- 09ब् मलिन बस्तियां, ख् लाख हैं निवासी
अवैध कॉलोनियों को वैध कराने की प्रक्रिया चल रही है। गाइडलाइंस के तहत आवेदन मांगे गए हैं। महज दो कॉलोनाइजर्स ने ही प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा अन्य का डाटा ऑनलाइन किया जाएगा।
सुरेंद्र कुमार, वीसी, बीडीए
मलिन बस्तियों को पीएमएवाई शहरी आवास योजना में शिफ्ट किया जाएगा। आवेदन हो चुके हैं, जिनका सर्वे किया जा रहा है। शासनादेश के तहत इन्हें शिफ्ट करने की कार्रवाई की जाएगी।
राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त
कार्रवाई नहीं होने से अवैध कॉलोनियां बसती जा रही हैं। जो बरेली के विकास में भी बाधा बन रही हैं। इन्हें वैध कराया जाए या सख्त कार्रवाई कर उन्हें हटाने की कार्रवाई होनी चाहिए।
विशेष कुमार, समाजसेवी