- अपने देखरेख में अवैध निर्माण करवाने वाले इंजीनियर्स पर नहीं हुई आज तक कोई ठोस कार्रवाई

- सैकड़ों अवैध निर्माण सील किए गए, लेकिन एनफोर्समेंट टीम के इंजीनियर्स पर ऑफिसर्स की मेहरबानी

- कार्रवाई के नाम पर जांच व स्पष्टीकरण का लंबे समय से चल रहा दिखावा

KANPUR: अवैध निर्माण कर शहर का नक्शा बिगाड़ने वाली अब तक सैकड़ों अवैध बिल्डिंग के खिलाफ केडीए कार्रवाई कर चुका है। लेकिन मोटी कमाई का जरिया बनी इन अवैध बिल्डिंग्स को तानने की खुली छूट देने वाले एनफोर्समेंट टीम के एक भी इंजीनियर के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। इसी वजह से एनफोर्समेंट टीम के हौसले बुलन्द हैं और अवैध निर्माण का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। नक्शा पास कराए बगैर गलियों में भी भ्-भ्, म्-म् मंजिल तक बिल्डिंग्स बनती जा रही हैं.संडे को केडीए ऑफिसर्स के छापे में एनफोर्समेंट टीम की काली करतूतों को खुलासा हो गया।

कैसे नहीं दिखी छह मंजिला इमारत?

संडे को छापे में प्रेम नगर में एक नहीं अवैध रूप से कई-कई बिल्डिंग बनते हुए मिली। वह भी आसपास ही बन रही है। जिनमें से कई के तो मैप भी पास नहीं थे। नक्शा पास कराए बगैर बिल्डर्स भ्-भ्, म्-म् मंजिला बिल्डिंग तानते चले जा रहे है। जाहिर सी बात है म्-म् मंजिल की ये बिल्डिंग क्-ख् दिन या एक महीने में नहीं होगी। बावजूद इसके महीनों से बन रहीं इन अवैध बिल्डिंग्स की जानकारी एनफोर्समेंट टीम के इंजीनियर्स को कैसे नहीं हुई? ये बात किसी के भी गले से नीचे नहीं उतर रही है।

ईट रखते ही पहुंच जाते हैं जेई

जाजमऊ केडीए कालोनी में एक-एक कमरे बना रहे लोगों को धमकाकर अवैध उगाही की शिकायत केडीए ऑफिसर से मिलकर शमीम आजाद ने की। केडीए वीसी जयश्री भोज के न होने पर पहले उनके डाक काउन्टर के जरिए लिखित शिकायती लेटर वीसी को भेजा। बाद में उन्होंने एनफोर्समेंट जोन-क् के प्रभारी मनोज मिश्रा से मिलकर जाजमऊ में जेई रविन्द्र वर्मा की मिलीभगत से अवैध रूप से बन रही मल्टीस्टोरी व अन्य निर्माणों की लिस्ट भी सौंपी। इससे साफ है कि निर्माण शुरू होते ही कम से कम जूनियर इंजीनियर को तो जानकारी हो ही जाती है। फिर महीनों से अवैध रूप से बन रही बिल्डिंग की जानकारी असिसटेंट इंजीनियर व एक्सईएन को न हो, इससे केडीए इम्प्लाई भी इंकार कर रहे हैं।

इंजीनियर्स को नहीं है डर

पिछले करीब ख् साल में फ्भ्0 से अधिक अवैध निर्माण वाली बिल्डिंग्स के खिलाफ केडीए ने कार्रवाई की। इनमें दर्जनों ऐसी बिल्डिंग थीं, जिनके नक्शे ही पास नहीं हुए थे। नक्शे पास भी हुए तो ख्-ख् फ्लोर तक एक्स्ट्रा बना लिए। अवैध निर्माण पर बिल्डिंग तो जरूर सील कर दी गई है। सील तोड़कर निर्माण करने पर कई बिल्डर के खिलाफ एफआईआर भी केडीए ने दर्ज कराई है। अब इन बिल्डिंग्स के बिजली व पानी के कनेक्शन भी कटवाए जा रहे हैं। लेकिन अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी संभालने वाले इम्प्लाइज व इंजीनियर्स के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई करने की केडीए ऑफिसर हिम्मत नहीं जुटा सके। कार्रवाई के नाम पर अगर कुछ हुआ तो केवल दिखावा.जांच, स्पष्टीकरण या फिर उन्हें एनफोर्समेंट टीम से हटा दिया गया है। लेकिन सस्पेंशन या टर्मिनेशन जैसी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।

शासन तक है भ्रष्ट इंजीनियर्स की पहुंच

करीब एक साल पहले चन्द जेई के खिलाफ केडीए वीसी जयश्री भोज ने निलंबन की संस्तुति करते हुए शासन को कार्रवाई को भेजा था। लेकिन अपनी ऊंची पहुंच के बूते जूनियर इंजीनियर्स ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं होने नहीं दी। इनके नाम कौशल किशोर, एके अस्थाना, संजय कुमार, राकेश गुप्ता आदि बताए जा रहे हैं।

झेलती सिर्फ पब्लिक है।

अवैध बिल्डिंग की सीलिंग, बिजली का कनेक्शन काटे जाने और सील तोड़कर निर्माण करने पर बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराईं गई। लेकिन ऐसी कोई कार्रवाई एनफोर्समेंट टीम के इम्प्लाई या इंजीनियर्स के खिलाफ न होने से एनफोर्समेंट में नई तैनाती पाए इम्प्लाई और इंजीनियर्स के भी हौसले बुलन्द हैं। उन्हें ऑफिसर्स की तनिक भी परवाह नहीं है। उनकी मिलीभगत से खुलेआम अवैध निर्माण हो रहा है। अवैध रूप से भ्-भ्, म्-म् मंजिला बिल्डिंग तक तनती जा रही हैं। संडे को प्रेम नगर में एडीशनल सेक्रेटरी के छापे इस हकीकत की गवाही दे रहे हैं। कई बार बिल्डिंग सील होने का खामियाजा बिल्डर के साथ पब्लिक को भी उठाना पड़ता है। सिटी के बीच और सस्ते के लालच में फंसकर अवैध रूप से बन रही बिल्डिंग में लोग फ्लैट खरीद लेते हैं। बिल्डिंग सील होने पर उनके लाखों रुपए फंस जाते हैं।

- संडे को छापे के दौरान कई अवैध निर्माण मिले थे, इसकी जांच एक्सईएन से कराई जा रही है, दोषी सुपरवाइजर, जूनियर इंजीनियर पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

- सीपी त्रिपाठी, एडीशनल सेक्रेटरी केडीए

अवैध बिल्डिंग बनती रहीं, जिम्मेदार देखते रहे

जूनियर इंजीनियर

इम्तियाज अहमद

राममनोहर

राजेन्द्र यादव

बीएम श्रीवास्तव

एके सिंह

कायम अली रिजवी

केके गुप्ता

असिसटेंट इंजीनियर

योगेश कुमार

एग्जक्यूटिव इंजीनियर

मनोज मिश्रा