ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ उठे आवाज
जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस पीडी कोडे की डिविजन बेंच ने एक जनहित याचिका पर अपने फैसले में कहा कि चाहे गणोशोत्सव हो, नवरात्रि या मस्जिद जहां कहीं भी गैरकानूनी तरीके से लाउडस्पीकर लगे हैं उन्हें जब्त कर लिया जाये. कोर्ट ने सभी नागरिकों से ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ एक साथ आवाज उठाने को भी कहा है. हाल ही में एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, इस इलाके में 49 में से 45 मस्जिदों पर लाउडस्पीकर गैरकानूनी तरीके से लगाये गये हैं. जनहित याचिका में नवी मुंबई के निवासी संतोष पचलागा ने मस्जिदों के गेट पर लाउडस्पीकर के गैरकानूनी इस्तेमाल का मुद्दा उठाया था.

मस्जिद हैं साइलेंस जोन में
आरटीआई से मिली जानकारी के हवाले से दावा किया गया है कि 92 परसेंट मस्जिदों पर इजाजत नहीं होने के बावजूद लाउडस्पीकर लगे हुये हैं. ये मस्जिद साइलेंस जोन में हैं यानि आसपास स्कूल और हॉस्पिटल हैं. याचिका में कहा गया है कि अक्सर इन लाउडस्पीकरों से निकलने वाली आवाज ध्वनि प्रदूषण (नियंत्रण एवं नियमन) कानून-2000 के तहत मान्य डेसिबल की सीमा से ज्यादा होती है. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह पता लगाये कि क्या मस्जिदों ने लाउडस्पीकर लगाने से पहले इजाजत ली थी. जस्टिस कनाडे ने पूछा कि,'अगर ये इजाजत के बिना लगाये गये हैं, तो क्या कार्रवाई की गई है'? ऐसा चलने नहीं दिया जा सकता है.

पुलिस करेगी जब्त
पचालाग के वकील डीजी धनुरे ने कहा कि अगर लाउडस्पीकर बिना उचित इजाजत के लगाये जा रहे हैं तो पुलिस इन्हें जब्त कर सकती है. उन्होंने कोर्ट के सामने आरटीआई के आंकड़े भी जमा कराये, जिसके मुताबिक गणपति और नवरात्रि मंडल ने लाउडस्पीकर लगाने के लिये प्रशासन से इजाजत ली थी. जस्टिस कनाडे ने कहा कि रोगी और बुजुर्गों को लाउडस्पीकर की आवज से परेशानी होती है. आमतौर पर देखा जाता है कि उत्सव के दौरान काफी शोर होता है, जिससे काफी ध्वनि प्रदूषण फैलता है.

Hindi News from India News Desk

 

National News inextlive from India News Desk