अवैध खनन पर पांच साल की सजा

- योगी सरकार ने कैबिनेट में तीन अहम फैसलों पर लगाई मुहर

LUCKNOW :

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने तीन अहम प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी। सूबे में अवैध खनन पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने सख्त सजा का प्रावधान किया है। मंत्रियों के समूह ने तय किया कि प्रदेश में अवैध खनन करने वालों को अब जुर्माने के साथ पांच साल की सजा होगी। प्रति हेक्टेयर अवैध खनन करने वालों के लिए कैबिनेट ने पांच लाख रुपये का जुर्माना वसूलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके लिए राज्य सरकार ने खनन नीति में बदलाव किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मालूम हो कि अभी तक नियमावली में अवैध खनन करने वालों के लिए छह महीने की सजा का प्रावधान था। साथ ही, अवैध खनन पर वसूली जाने वाली जुर्माने भी राशि बहुत कम थी। अवैध खनन करते हुए पकड़े जाने पर केवल 25 हजार रुपये का जुर्माना ही राज्य सरकार द्वारा वसूला जाता था जिसे अब बढ़ाकर बीस गुना कर दिया गया है।

चपरासी भी बन सकेंगे बाबू

कैबिनेट ने न्याय विभाग की सेवा शर्तो की नियमावली की त्रुटियों का दूर करने के लिए 'द उत्तर प्रदेश स्टेट डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सर्विस (प्रथम संशोधन) रूल्स 2017' को लागू करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। अधीनस्थ न्यायालयों में कार्यरत गैर न्यायिक स्टाफ के लिए कई सहूलियतें दी गयी है। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी में प्रोन्नत करने के लिए बीस फीसद कोटा निर्धारित किया गया है जिससे अब चपरासी भी बाबू बन सकेंगे। इसके अलावा ट्यूबवेल ऑपरेटर और इलेक्ट्रीशियन को एक साल का आईआईटी का कोर्स करने की सुविधा भी प्रदान की गयी है।

किसानों को सब्सिडी

कैबिनेट ने गत वर्षो की भांति इस बार भी प्रमाणित बीजों पर अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत गेहूं, जौ और तिल फसलों के बीजों पर प्रोत्साहन के लिए किसानों को उन्नतशील प्रजातियों पर विशेष अनुदान दिया जाएगा।