-प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद जिले में हो रहा है अवैध खनन

i special

arun.kumar@inext.co.in

GORAKHPUR: जिले में अवैध खनन का कारोबार जोरों पर चल रहा है। नदियों, तालों और जंगलों किनारे से बालू और मिट्टी का खनन वालों की ट्रैक्टर-ट्रालियां धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। यह आलम तब है, जबकि प्रदेश सरकार ने खनन बंद करने का आदेश दे रखा है। गौरतलब है कि अवैध खनन से होने वाले नुकसान को देखते हुए हाई कोर्ट ने सख्ती बरतने का आदेश प्रदेश सरकार को दिया था। इसके अनुपालन में प्रदेश सरकार द्वारा अवैध खनन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया। नई सरकार के गठन के बाद जिले में कुछ दिनों तक सख्ती बनी रही। लेकिन अब हालत यह है कि जिम्मेदारों की मदद से ही अवैध खनन का कारोबार शुरू हो गया। ज्यादातर जगहों पर पुलिस कर्मचारियों की सहमति पर कारोबारी धड़ल्ले से काम करने लगे हैं।

पुलिस की मिलीभगत

अवैध खनन करने वालों के वाहन ज्यादातर आधी रात के बाद चलते हैं। रात में दो बजे से लेकर सुबह के पांच बजे तक वाहनों को दौड़ते हुए देखा जा सकता है। पुलिस की सहमति मिलने पर दिन में भी कारोबार चलता है।

कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि पूर्व में निर्धारित दर से अधिक रकम देकर किसी तरह से कारोबार किया जा रहा है। एडवांस में मिट्टी पटाई और बालू की सप्लाई का ऑर्डर लेने से कारोबार करने की मजबूरी खड़ी हो गई है।

यह बनाए गए हैं नियम

- सर्वे ऑफ इंडिया से नक्शा पास कराकर खनन कराया जाएगा।

- प्रशासन से पट्टे पर ली गई भूमि पर खनन की अनुमति होगी।

- पट्टाधारक अपनी भूमि को खनन के लिए किसी को किराए पर नहीं दे सकेंगे।

- खनन के पूर्व नदी, प्राकृतिक धारा और कृषि भूमि न होने का प्रमाण देना होगा। इसकी जांच पड़ताल कराई जाएगी।

- खनन के दौरान चलने वाले वाहनों से वायु प्रदूषण न होने की शर्त माननी होगी।

- पट्टाधारक को भूमि के संपूर्ण हिस्से का पट्टा दिया जाएगा।

- खनन में कुशल कारीगरों को लगाया जाएगा।

----------

जिले में यह हुई है कार्रवाई

01 जून 2017: चिलुआताल एरिया में अवैध खनन में लगे वाहनों को पुलिस ने सीज किया।

28 मई 2017: कैंपियरगंज एरिया में अवैध ढंग से खनन करने वाले वाहनों को पकड़कर कार्रवाई की गई।

20 मई 2017: बड़हलगंज एरिया के पिड़री चौराहे पर अवैध बालू ले जा रहे ट्रक को पुलिस ने पकड़ा।

11 मई 2017: उरुवा एरिया के बनकटी में अवैध खनन कर वाहनों को अफसरों ने रोका, कार्रवाई।

03 अप्रैल 2017: गुलरिहा एरिया में अवैध ढंग से मिट्टी खोद रहे वाहनों को पुलिस थाने ले गई।

--------

इन क्षेत्रों में जोरों पर है खनन

कैंपियरगंज, भौराबारी, पीपीगंज, अकटहवाघाट, खोराबार, झंगहा, चौरीचौरा, बेलीपार, बेलघाट, सिकरीगंज, बड़हलगंज, गगहा, पिपराइच, कुसम्ही बाजार, गीडा, सहजनवां, बोक्टा, तुर्रा नाला, चिलुआताल, फरेन नाला, सोहगौरा सहित सौ से अधिक जगहों पर खनन किया जाता है।

अवैध खनन रोकने के संबंध में पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। यदि कहीं से आती है उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

रजनीश चंद, एडीएम सिटी

अवैध खनन को पूरी तरह से रोकने के लिए कहा जा चुका है। जिस क्षेत्र में ट्रैक्टर-ट्रालियां चलती मिलेंगी। वहां के थानेदार जिम्मेदार होंगे। अवैध कारोबार को शह देने वाले पुलिस कर्मचारी कतई बख्शे नहीं जाएंगे।

आरपी पांडेय, एसएसपी

----------

यहां से अंदर ले जा सकते हैं

------------

बरसात के डर से बढ़ा दिया रेट

बरसात शुरू होने के बाद हर हाल में खनन ठप पड़ जाएगा। इसलिए मानसून के पहले स्टॉक जमा कराने की होड़ मची है। इसका बेजा फायदा उठाते हुए बिचौलियों ने पेशगी की रकम बढ़ा दी है। दो से तीन गुनी कीमत चुकाकर कारोबारी किसी तरह से टारगेट पूरा करने में लगे हैं। पुलिस-प्रशासन के अफसरों का कहना है कि अवैध खनन को पूरी तरह से रोकने के लिए कहा गया है। कारोबार की सूचना पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

हर तरफ है खेल

शहर से दूर नदियों, तालों और जंगलों के आसपास से अवैध ढंग से मिट्टी और बालू का खनन किया जाता है। शहर के पॉश इलाकों को छोड़ दिया जाए तो तकरीबन हर ओर अवैध खनन का कारोबार फैला हुआ है। नदी, ताल और जंगल किनारों से मिट्टी खोदकर कारोबार निर्माण कार्य के लिए बेचते हैं। बिना किसी परमिट, पट्टे के चल रहे कारोबार पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। बावजूद इसके कई जगहों पर अवैध खनन का खुला खेल चल रहा है। गुरुवार को चिलुआताल एरिया में अवैध खनन की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की। खनन में लगे वालों को थाना पर खड़ी कराकर पुलिस जांच में जुटी हैं।

अवैध खनन के लिए तय अलग-अलग रेट

बालू और मिट्टी का खनन करने वाले कारोबारियों ने पेशगी का अलग- अलग रेट तय कर रखा है। थाना क्षेत्रों के अनुसार कारोबारी सबकी हिस्सेदारी तय कर देते हैं। जिले में कहीं महीने के हिसाब से पेशगी ली जाती है तो कहीं पर रोजाना के कारोबार के आधार थाना और पीआरवी के कर्मचारी अपना हिस्सा वसूल लेते हैं।

टिकरिया- बालापार रोड का रेट

एक महीने के कारोबार के लिए प्रति भट्ठा - 10,000 रुपए

एक दिन के कारोबार के लिए प्रति भट्ठा - 1500 से 2000 रुपए

महीने भर के लिए पीआरवी का प्रति भट्ठा- 1000 रुपए

तुर्रा नाला से खनन का रेट

एक दिन के लिए बालू का रेट - 1000 रुपए

एक दिन के खनन का मिट्टी का रेट- 500 रुपए

बाजार में एक ट्राली मिट्टी की बिक्री का रेट - 900 से 1000 रुपए

मार्केट में एक ट्राली बालू का रेट - 4500 से 5000 रुपए

पांच सौ रुपए में पीआरवी और थाना का बंटवारा होता है।

निर्धारित रकम देने के बाद जितनी चाहे खनन कर सकते हैं।