-बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में अधिकारियों के सामने खुलेआम होती है वसूली

-पुराने से नए पीएम हाउस तक जाने में बढ़ जाते हैं रेट, परिजनों से होती रहती है झड़प

GORAKHPUR: अपनी अव्यवस्थाओं के लिए बदनाम बीआरडी मेडिकल कॉलेज में शव की ढुलाई के नाम पर वसूली का खेल जोरो पर चल रहा है। सौ मीटर की ढुलाई के लिए एक हजार वसूला जा रहा है। यह खुलासा हुआ है गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियल्टी चेक में।

अस्पताल परिसर स्थित पुराने पीएम हाउस से नए पीएम हाउस तक की दूर 100 मीटर है। एंबुलेंस वाले अधिकारियों के सामने खुलेआम डेड बॉडी को नए पीएम हाउस तक पहुंचाने का 1000 हजार रुपए वसूल रहे हैं। जबकि, पीएम हाउस में ही बॉडी रखने के लिए अलग से रूम तैयार किया गया है। मगर उसे वहां नहीं रखाया जाता है। पुरानी जगह पर ही रखा जाता है। ताकि संबंधित कर्मी व एंबुलेंस वालों की अच्छी कमाई हो सके।

परिजनों से उलझा एंबुलेंस ड्राइवर

गुरुवार दोपहर नए पोस्टमार्टम हाउस में एक शव को शिफ्ट करना था। परिजनों से एंबुलेंस ड्राइवर ने एक हजार रुपए की मांग की। जब परिजनों ने इतना पैसा देने से इनकार किया तो ड्राइवर उलझ गया। परिजनों का कहना था कि केवल 100 कदम की दूरी के लिए इतना पैसा अधिक है। पीडि़तों ने जैसे ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर को देखा शिकायत करने लगे। आरोप लगाया कि यहां हर बात का पैसा लगता है। वे हम सभी की मजबूरी का फायदा उठाते हैं।

लाशों के रख-रखाव की नहीं है व्यवस्था

बीआरडी मेडिकल कॉलेज का पुराना पोस्टमार्टम हाउस बदहाल स्थिति में है। साफ-सफाई तक की व्यवस्था नहीं है। आलम यह है कि हर रोज पांच से छह लाशें आती हैं। ढंग से देखभाल न होने के कारण चूहे व नेवले फर्श पर पड़ी लाशों को कूतर देते हैं।

बाहर से मंगाते हैं सामान

पुराने पोस्टमार्टम हाउस के एक कर्मचारी ने बताया कि यहां पर पोस्टमार्टम नहीं होता है। सिर्फ डेडबॉडी रखी जाती है। लेकिन बॉडी को रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग व मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से सुविधा नहीं दी जाती है। सड़ चुकी और बर्न लाशों की धुलाई के लिए फिनायल और ब्लीचिंग पाउडर तक नहीं मिलता है। यहां तक कि किसी की मौत के बाद गम में डूबे परिजनों पर भी पीएम हाउस के कर्मचारी दया नहीं दिखाते। यह उन्हीं से कफन, ग्लव्स, मोमबत्ती और सील करने के लिए सामान मंगवाते हैं।

डीपफ्रीजर भी है कबाड़

लावारिश लाशों को रखने के लिए मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में दो डीपफ्रीजर हैं। इन में एक फ्रीजर में लाशें रखी जाती है, लेकिन यह कई सालों से खराब है। शिकायत के बाद भी किसी जिम्मेदार ने इसकी मरम्मत कराने की जहमत नहीं उठाई।

इन सामान की पड़ती है जरूरत

बोन कटर, कैंची, ब्लेड, निडल, वजन नापने की मशीन, सकेल, धागा, एग्जाइमिनेशन काउच, मेज, ऑपरेशन थिएटर की तरह लाइटिंग का उचित प्रबंध, पोस्टमार्टम हाउस फुल एसी।

वर्जन

पीएम हाउस में लाशों के रख-रखाव की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की है। सफाई के लिए ब्लीचिंग पाउडर व फिनायल आदि दिए जाते हैं। पुराने पोस्टमार्टम हाउस में सिर्फ लाशें रखी जाती है। लाशों के पोस्टमार्टम के लिए नया पोस्टमार्टम हाउस बनाया गया है जहां उनका पीएम होता है।

डॉ। आरएस शुक्ला, एसआईसी, नेहरू चिकित्सालय बीआरडी