JAMSHEDPUR: स्टील सिटी में एक तरफ सड़कों को चौड़ा करने की कवायद की जा रही है, वहीं दूसरी ओर आधी सड़कों पर गाडि़यों की पार्किग करने वालों का कब्जा जमा हुआ है। सिटी में पार्किग का हाल कुछ ऐसा है कि जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमेटी (जेएनएसी) ने कांट्रेक्टर्स को एक हजार स्क्वायर फीट एरिया की परमिशन दे दी, लेकिन बावजूद इसके कांट्रैक्टर्स द्वारा दो हजार स्क्वायर फीट एरिया में पार्किग चलाया जा रहा है। यहां सभी नियमों को ताक पर रखकर पब्लिक की जेब पर दिनदहाड़े डाका डाला जा रहा है। केवल पब्लिक ही नहीं, बल्कि दूर-दराज से आने वाले सैलानियों के साथ भी यही बर्ताव किया जा रहा है। इसको लेकर तमाम शिकायतें नोटिफाइड एरिया कमेटी के स्पेशल ऑफिसर्स से लेकर स्थानीय थाने व चौकी तक पहुंचती हैं, लेकिन इसके बावजूद भी लोगों को कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं साहब भी पार्किग ठेकेदारों से सेट हो चुके हैं। तभी तो शहर में बिना बोर्ड रेट के आधा दर्जन से अधिक पार्किग स्टैंड चल रहे हैं। इन्हें न कभी नोटिस मिलता है और न ही आज-तक कुछ ठोस कार्रवाई हुई। चाहे बात साकची के पार्किंग स्टैंड की हो या फिर बिष्टुपुर मार्केट की, हर जगह जुगाड़ से पब्लिक की जेब काटी जा रही है। कई स्थानों पर तो पार्किंग रेट के बोर्ड में कई घालमेल भी किए गए हैं।

लाल घेरे में साकची

साकची स्थित बसंत टॉकीज के समीप बने पार्किंग स्टैंड के रेट से जहां लोगों को थोड़ी बहुत राहत मिलती है, तो वहीं साकची मार्केट एरिया के ही पार्किग स्टैंड में लोगों की जेब काट ली जाती है। पूरे साकची मार्केट में ही कई पार्किग स्पॉट रेट को लेकर लाल घेरे में है। वहीं साकची बड़ा गोलचक्कर और न्यू कोर्ट कैंपस के समीप बने पार्किग स्टैंड का दायरा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। अवैध तरीके से यहां ऑटो से लेकर कारों तक की पार्किंग कराई जा रही है। बिना रेट बोर्ड के यहां वसूली जारी है। पार्किंग रेट को लेकर आ दिन मारपीट की घटनाएं भी होती हैं। लेकिन बावजूद इसके साकची पुलिस पीडि़त को ही धमकाती है।

बिष्टुपुर में झोल ही झोल

बिष्टुपुर स्थित यश कमल कॉम्प्लेक्स में यदि आप मार्केटिंग करने पहुंच गए तो फिर आपको अपनी बाइक रोड पर ही पार्क करनी होगी। चूंकि यहां भी बाइक पार्किंग स्टैंड है। इस बीच यदि किसी ने कॉम्प्लेक्स के बाहर अपनी बाइक खड़ी कर दी तो उसे पार्किग वेंडर को दस रुपये देने ही होंगे। चाहे फिर उसने भले ही दो मिनट के लिए ही पार्किंग क्यों न यूज की हो।

ऐसे करते हैं अवैध वसूली

शहर में पार्किग के लिए जेएनएसी की ओर से रेट तय किया गया है। साइकिल के लिए क्, टू व्हीलर के लिए ख्, थ्री व्हीलर के फ् और फोर व्हीलर के लिए भ् रुपए तय है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कांट्रेक्टर द्वारा टू व्हीलर पार्किग के लिए भ् व क्0 रुपए, थ्री और फोर व्हीलर के लिए क्0 से ख्भ् रुपए तक की वसूली की जा रही है। पेटी कांट्रैक्टर इसकी रसीद भी लोगों को देते हैं।

नहीं है कोई नोटिस बोर्ड

सिटी के किसी भी पार्किग स्पॉट पर किसी प्रकार का कोई नोटिस बोर्ड नहीं लगाया गया है। पार्किग के लिए निर्धारित रेट चार्ट भी किसी पार्किग स्पॉट में नहीं है। पार्किग के लिए वसूली कर रहे कुछेक लोगों की पहचान के लिए आईकार्ड जेएनएसी की ओर से दिया गया है, लेकिन कई ऐसे भी है जो कि बिना किसी आई कार्ड के अवैध वसूली कर रहे है।

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जेएनएसी द्वारा कांट्रेक्टर्स को पार्किग के लिए जो जगह दी गई है, अगर कांट्रेक्टर दिये गए जगह के अलावा अन्य स्थान पर पार्किग लगा रहे है। या फिर लोगों से पार्किग के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं तो फिर ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनपर तत्काल रुप से आवश्यक कारवाई की जाएगी।

-प्रभात कुमार, एसडीओ, धालभूमगढ़।