PATNA: अवैध बालू खनन को लेकर हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने मनमाने तरीके से बालू निकाले जाने पर आपत्ति जताते हुए पटना जोन के आइजी शालिन को एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है। कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद ख्क् मार्च को मामले पर फिर सुनवाई होगी।

क्या करेगी एसआईटी

एसआईटी को यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि किन नदियों से क्षमता से अधिक बालू निकाला जा रहा है। इसके अलावा क्षमता से अधिक बालू ढो रहे वाहनों पर किस तरह की कार्रवाई की जा रही है। इन तमाम सवालों के जवाब एसआइटी को क् महीने में देनी होगी।

कौन होंगे टीम में

इस मुहिम को सख्त बनाई जा सके इसके लिए एसआइटी में राजस्व, परिवहन तथा भूतत्व एवं खनन विभाग के एक-एक एक्सपर्ट को भी शामिल करना होगा। यही टीम सारी अनियमितताओं की जानकारी कोर्ट को सौंपेगी। एसआइटी का एक काम यह देखना भी होगा कि बालू खनन में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है या नहीं?

क्या कहा गया याचिका में

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि भोजपुर जिले में बालू की अवैध ढुलाई से आम नागरिक परेशान है। सोन एवं अन्य नदियों से बालू निकालने में सारे कानून को ताक पर रख दिया जाता है। अदालत ने बांका एवं भागलपुर जिले में ओढ़नी, चांदन नदी से बालू निकाले जाने की चर्चा भी की।