RANCHI: नेपाल हाउस स्थित झारखंड मंत्रालय के वन विभाग में फाइलों का अंबार लगता जा रहा है। इसे रखने तक के लिए विभाग में जगह नहीं बची है। विभाग में हर तरफ झारखंड के पर्यावरण से जुड़ी महत्वपूर्ण फाईल बिखरी पड़ी हैं। हालात ऐसे हैं कि अब कर्मचारियों के केबिन में भी फाइलों को ठूसा जा रहा है। यही नहीं, जिस कुर्सी पर कर्मचारी बैठते हैं, उसके नीचे भी फाईल भरी पड़ी हैं। नतीजतन, अगर कोई कर्मचारी अपने केबिन में घुस जाए तो उसका निकलना मुश्किल हो जाता है।

आठ महीने से परेशानी

विभाग के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि यहां की स्थिति करीब आठ माह से ऐसी ही है। सचिव से कई बार शिकायत की गई, लेकिन उन्होंने कर्मचारियों को सिर्फ आश्वसन ही दिया। आई विल लुक इंटू दी मैटर कह कर उन्होंने मामले को टाल दिया।

हर जगह फाइल ही फाइल

वन विभाग में घुसते ही लावारिस की तरह पड़ी फाइलें मिल जाएंगी। स्थिति ऐसी है कि दो अलमारी के बीच में भी फाइलों को ठूस-ठूस कर भर दिया गया है। यही नहीं, कर्मचारी के केबिन में फाइलों की हाइट अब उसके सिर से ऊपर जा रही है।

निगरानी को सीसीटीवी भी नहीं (बॉक्स)

मंत्रालय के वन विभाग में राज्य के विभिन्न जिलों के वन एवं पर्यावरण विभागों के महत्वपूर्ण रिकॉर्ड की फाइल रखी हुई हैं, लेकिन इसकी निगरानी कर्मचारियों के भरोसे ही छोड़ दी गई है। अगर किसी कारणवश कोई फाइल चोरी हुई तो उसे ढूंढना आसान नहीं होगा।

खड़े-खड़े काम कर रहे स्टाफ (बॉक्स)

विभाग में करीब 80 कर्मचारी हैं, लेकिन केबिन में फाईल इस कदर भर दी गई हैं कि अब कर्मचारियों को खड़े होकर काम करना पड़ रहा है। एक छोटे से ही केबिन में विभाग द्वारा फ्-ब् कर्मचारियों को बैठाया जा रहा है। इसमें मुश्किल से दो कुर्सियां अटती हैं। अगर दो कर्मचारी काम कर रहे हों, तो तीसरे को उनमें से किसी के उठने का इंतजार करना पड़ता है।

वर्जन

इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश हो रही है। मैंने बिल्डिंग डिपार्टमेंट से बातचीत की है, अगले सप्ताह तक एक अलग रूम की व्यवस्था कर ली जाएगी। इसके बाद ऐसी समस्या खत्म हो जाएगी।

-सुखदेव भगत, प्रधान सचिव, वन व पर्यावरण विभाग, झारखंड