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दुनिया को भारत की पांच देन
जब जीरो दिया मेरे भारत ने, भारत ने मेरे भारत ने, दुनिया को तब गिनती आई, तारों की भाषा भारत ने, दुनिया को पहले समझाई, देता ना दशमलव भारत तो, यूं चांद पे जाना मुश्किल था। फिल्म पूरब और पश्चिम में मनोज बाजपेई ने ये गाना गाकर बताया था कि भारत ने विश्व को कितना कुछ दिया है। हम आप को दुनिया को भारत की ओर से मिलने वाले पांच आविष्कारों के बारे में बताने जा रहे हैं।


शून्य
आज पूरी दुनिया में जीरो पॉपुलर है। बिना जीरो के आज सब कुछ असंभव है। ऐसे यह संख्या भारत की ही देन है। जीरो भारत ने ही इस दुनिया को दिया है। अंकगणित में भारतीय ने सबसे पहले जीरो का प्रयोग किया था। 
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चीनी 
चीनी यानी की शक्कर के दाने भी भारत का ही आविष्कार है। यह आज पूरी दुनिया में मिश्री के टुकडे के रूप में पहचानी जाती है। इसकी उत्पत्ति गुप्त के शासन काल में हुई थी। भारत के जरिए ही चीनी का आविष्कार चीन बुद्ध भिक्षुओं के जरिए पहुंचा। 
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शैम्पू
शैम्पू शब्द का अविष्कारक भारत ही है। यह शब्द मूलतः हिंदी शब्द चांपो से बनाया गया है। जिसका अथ सिर की मालिश की मालिश करना होता है। 1762 के करीब यह शब्द शैंपू में बदल गया है। उस समय मुगल शासक खुशबूदार चीजों से सिर की मसाज कराते थे। बिहार के रहने वाले शेख दीन मोहम्मद ने ब्रिटेन को शैम्पू के बारे में बताया था। 
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शल्य चिकित्सा
विश्व को सर्जरी भारत की ही देन है। शल्य चिकित्सा यानी सर्जरी के जनक और सुश्रुत संहिता को लिखने वाले आचार्य सुश्रुत का जन्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व काशी में हुआ था। इन्होंने धन्वन्तरि से शिक्षा प्राप्त की। सुश्रुत संहिता को भारतीय चिकित्सा पद्धति में विशेष स्थान प्राप्त है।
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दशमलव
पाँचवीं शताब्दी में भारत में आर्यभट्ट द्वारा अंक संज्ञाओं का आविष्कार हुआ था। संख्याओं के छोटे भागों को व्यक्त करने के लिए दशमलव प्रणाली प्रयोग में आई। अंकों को दस चिन्हों के माध्यम से व्यक्त करने की प्रथा का प्रादुर्भाव सर्वप्रथम भारत में ही हुआ था। 
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शून्य

आज पूरी दुनिया में जीरो पॉपुलर है। बिना जीरो के आज सब कुछ असंभव है। ऐसे यह संख्या भारत की ही देन है। जीरो भारत ने ही इस दुनिया को दिया है। अंकगणित में भारतीय ने सबसे पहले जीरो का प्रयोग किया था। 

दुनिया को भारत की पांच देन

चीनी 

चीनी यानी की शक्कर के दाने भी भारत का ही आविष्कार है। यह आज पूरी दुनिया में मिश्री के टुकडे के रूप में पहचानी जाती है। इसकी उत्पत्ति गुप्त के शासन काल में हुई थी। भारत के जरिए ही चीनी का आविष्कार चीन बुद्ध भिक्षुओं के जरिए पहुंचा। 

दुनिया को भारत की पांच देन

शैम्पू

शैम्पू शब्द का अविष्कारक भारत ही है। यह शब्द मूलतः हिंदी शब्द चांपो से बनाया गया है। जिसका अथ सिर की मालिश की मालिश करना होता है। 1762 के करीब यह शब्द शैंपू में बदल गया है। उस समय मुगल शासक खुशबूदार चीजों से सिर की मसाज कराते थे। बिहार के रहने वाले शेख दीन मोहम्मद ने ब्रिटेन को शैम्पू के बारे में बताया था। 

दुनिया को भारत की पांच देन

शल्य चिकित्सा

विश्व को सर्जरी भारत की ही देन है। शल्य चिकित्सा यानी सर्जरी के जनक और सुश्रुत संहिता को लिखने वाले आचार्य सुश्रुत का जन्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व काशी में हुआ था। इन्होंने धन्वन्तरि से शिक्षा प्राप्त की। सुश्रुत संहिता को भारतीय चिकित्सा पद्धति में विशेष स्थान प्राप्त है।

दुनिया को भारत की पांच देन

दशमलव

पाँचवीं शताब्दी में भारत में आर्यभट्ट द्वारा अंक संज्ञाओं का आविष्कार हुआ था। संख्याओं के छोटे भागों को व्यक्त करने के लिए दशमलव प्रणाली प्रयोग में आई। अंकों को दस चिन्हों के माध्यम से व्यक्त करने की प्रथा का प्रादुर्भाव सर्वप्रथम भारत में ही हुआ था। 

दुनिया को भारत की पांच देन

 

 

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