- अब एक सब्जेक्ट में इंप्रूवमेंट देकर भी कर सकेंगे एडवांस में आवेदन

- पहले पांचों सब्जेक्ट्स में देना होता था इंप्रूवमेंट एग्जाम

- आईआईटी मद्रास ने छात्रों को दी बड़ी सहूलियत

DEHRADUN: अगर आप आईआईटी में एडमिशन के लिए तैयारियों में जुटे हैं और किसी कारण से आपके मा‌र्क्स कम रह जाते हैं तो घबराइए नहीं। इस बार आपको टॉप ट्वेंटी या 7भ् परसेंटेज के मानक पर खरा उतरने के लिए सभी सब्जेक्ट्स में इंप्रूवमेंट एग्जाम देने की जरूरत नहीं होगी। स्टूडेंट्स कम मा‌र्क्स वाले एक सब्जेक्ट के लिए भी इंप्रूवमेंट एग्जाम दे सकेंगे। आईआईटी हाईएस्ट मा‌र्क्स को एडमिशन के लिए कंसीडर करेगी। आईआईटी मद्रास ने इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

देशभर के आईआईटी और टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजेज में एडमिशन के लिए जेईई एडवांस एग्जाम का आयोजन होना है। एग्जाम ख्क् मई ख्0क्7 को आयोजित होगी। इस बार एग्जाम में कई खास बदलाव किए गए हैं। जहां सवा दो लाख कैंडिडेट्स का एग्जाम में शामिल होंगे, वहीं इस बार इंप्रूवमेंट एग्जाम के लिए भी पांच-पांच सब्जेक्ट्स की तैयारी नहीं करनी पड़ेगी। साल ख्0क्7 में जेईई एडवांस की जिम्मेदारी संभाल रही आईआईटी मद्रास ने इसे लेकर वेबसाइट पर भी जानकारी अपलोड कर दी है।

पांच सब्जेक्ट्स में देना होता था इंप्रूवमेंट

जेईई एडवांस एग्जाम में शामिल होने के लिए कैंडिडेट्स को बोर्ड द्वारा जारी टॉप ख्0 परसेंटाइल या फिर मिनिमम 7भ् परसेंट मा‌र्क्स से ऊपर अंक लाने अनिवार्य हैं। लेकिन कई बार कैंडिडेट्स किसी सब्जेक्ट में बेहतर प्रदर्शन न कर पाने के कारण परसेंटेज के मानक को पूरा नहीं कर पाते। ऐसे कैंडिडेट्स को इंप्रूवमेंट एग्जाम देना होता है। यह एग्जाम उन्हें सभी पांच सब्जेक्ट्स के लिए देना होता था। लेकिन नए नियम के बाद कैंडिडेट्स को केवल उसी सब्जेक्ट का इंप्रूवमेंट एग्जाम देने की आजादी होगी जिस सब्जेक्ट में मा‌र्क्स कम हैं। उन्हें सभी सब्जेक्ट्स में एग्जाम देने की जरूरत नहीं होगी। आईआईटी मद्रास द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक कैंडिडेट्स द्वारा अर्जित किए गए अधिकतम अंकों को स्वीकार किया जाएगा। आईआईटी के इस फैसले से एक ओर जहां कैंडिडेट्स को केवल एक सब्जेक्ट की तैयारी करने का लाभ मिलेगा। वहीं, एग्जाम पर फोकस करने में भी सहायता मिलेगी।

जिन कैंडिडेट्स के साल ख्0क्म् में मा‌र्क्स मानकों से कम हैं, उन्हें साल ख्0क्7 के इंप्रूवमेंट एग्जाम में इसका सीधा लाभ होगा। दरअसल, पांच-पांच सब्जेक्ट्स में उलझकर कैंडिडेट्स एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते थे। एक सब्जेक्ट में इंप्रूवमेंट एग्जाम देने से उनपर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। यह फैसला स्टूडेंट्स के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।

--- वैभव राय, मैनेजिंग डायरेक्टर, वीआर क्लासेज