- थाने से भागा पर नाले में फंस गया आरोपी

- पश्चिम बंगाल पुलिस किछा से लाई थी पकड़कर

- आरोपी सुभाषनगर थाना में टॉयलेट की दीवार कूदकर भागा

BAREILLY: पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपहरण के आरोपी की सेफ्टी के लिए सुभाषनगर थाने में शरण ली, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह जगह भी उनके लिए सेफ नहीं है। जी हां, सुभाषनगर थाने से टॉयलेट के रास्ते आरोपी फरार हो गया। करीब आधे घंटा तक चली लुकाछिपी के खेल में आरोपी अतत: पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। भागते समय वह नाले में गिर गया और पुलिस ने उसे धर दबोचा। नाले में गिरने से वह बेहोश हो गया। पुलिस ने उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया है। थाना से आरोपी का भागना पुलिस की सिक्योरिटी पर सवाल खड़ा करता है, लेकिन इस मामले में सुभाषनगर पुलिस पश्चिम बंगाल पुलिस पर ही लापरवाही का आरोप लगाकर पल्ला झाड़ रही है।

दो आरोपियों को पकड़कर ले जा रही थी पुलिस

पश्चिम बंगाल के उत्तर ख्ब् परगना डिस्ट्रिक्ट के जगत दाल थाना की पुलिस बरेली में दो मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आई थी। पश्चिम बंगाल की पुलिस एसआई सुधीन झा, आर के शाह, एस सरकार व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पहुंची थी। एक आरोपी राजा सिंह पर अपनी पत्‍‌नी रूपा देवनाथ की हत्या का आरोप है। राजा सिंह सुभाषनगर थाना अंतर्गत चौरासी घंटा मंदिर के पास रह रहा था। वहीं दूसरे आरोपी सुप्रितम आचार्य पर बीए फाइनल ईयर की छात्रा प्रियंका चक्रवर्ती को बहला-फुसलाकर अपहरण करने का आरोप है। उसके खिलाफ क्ब् अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी। सुप्रितम किछा में एक फैक्ट्री में काम कर रहा था।

अलग-अलग दिन कोर्ट में है पेशी

पुलिस टीम ने राजा सिंह को चौरासी घंटा के पास से गिरफ्तार कर लिया और सुप्रितम को सर्विलांस की मदद से किछा से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों को बरेली की कोर्ट में पेश किया। यहां से दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पुलिस पश्चिम बंगाल जा रही थी। पुलिस को राजा सिंह को फ्क् जुलाई और सुप्रितम को ख् अगस्त को पश्चिम बंगाल में कोर्ट में पेश करना है।

सोचा कुछ हुअा कुछ

ट्यूजडे शाम करीब चार बजे की ट्रेन होने के चलते पश्चिम बंगाल पुलिस ने आरोपियों को सुभाषनगर थाने में कुछ देर के लिए रोक लिया । आरोपी को फ्रेश भी होना था। टयूजडे दोपहर करीब पौने क्ख् बजे सुप्रितम सुभाषनगर थाने में पीछे बने टॉयलेट में फ्रेश होने गया। यहां पर पश्चिम बंगाल पुलिस का सिपाही भी मौजूद था। मौका देखकर सुप्रितम साइड से दीवार कूदकर भ्ाग गया।

काफी देर तक छिपा झाडि़यों में

सुप्रितम को भागता देख पश्चिम बंगाल के सिपाही भी उसके पीछे भागे, लेकिन वह झाडि़यों में छिप गया। सूचना पर सुभाषनगर पुलिस भी पहुंच गई और उसकी तलाश शुरू कर दी। झाडि़यों से निकलकर वह जेल के आगे से गुजर रहे सुभाषनगर नाले के किनारे पहुंच गया, लेकिन वह नाले में गिर गया और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। नाले में गिरने से वह बेहोश हो गया, जिससे इलाज के लिए उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।

कहीं न कहीं थाना पुलिस भी जिम्मेदार

इस मामले में आरोपी की देखरेख की जिम्मेदारी भले ही पश्चिम बंगाल की पुलिस की हो, लेकिन कहीं न कहीं थाना से आरोपी के भागने पर सुभाषनगर पुलिस पर भी सवाल खड़े होते हैं। क्योंकि जिस जगह से आरोपी भागा वहां पर टॉयलेट बने हैं और टॉयलेट के बगल की दीवार काफी नीची है। यही नहीं दीवार पर कटीले तार टूटे पड़े हैं। यह पुलिस की लापरवाही है। क्योंकि इसी टॉयलेट में सुभाषनगर पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी भी जाते हैं और वो कभी भी पुलिस को चकमा देकर भाग सकते हैं। जिस जगह से सुप्रितम भागा वहां पर उसकी एक चप्पल भी छूट गई।

पहले भी नाला में फंसा था एक आरोपी

कुछ महीने पहले भी सुभाषनगर पुलिस की कस्टडी से कोर्ट से जेल में पेशी के दौरान दो चोर भाग गए थे। इनमें से एक चोर नाले में कूद गया था। नाले में फंसने के चलते ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। वहीं दूसरे फरार आरोपी को भी कुछ दिनों बाद पुलिस ने पकड़ लिया था।

आरोपी को फ्रेश कराने के लिए सुभाषनगर थाना में रुके थे। टॉयलेट करने के दौरान आरोपी भाग गया। सोचा था कि थाना में सेफ्टी रहेगी, लेकिन सब उल्टा पड़ गया।

सुधीन झा, एसआई पश्चिम बंगाल पुलिस

पश्चिम बंगाल पुलिस फ्रेश होने के लिए रुकी थी। उन्हीं की कस्टडी से आरोपी भागा है। हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है, सारी जिम्मेदारी वहीं की पुलिस की है।

देवेश सिंह, एसएचओ सुभाषनगर थाना