कटा पैर को सिरहाने पर तकिये के रूप में रख दिया

जानकारी के मुताबिक लहचूरा के ग्राम इटायल निवासी घनश्याम राजपूत स्कूल बस में क्लीनर के रूप में काम करता है। दो दिन पहले सुबह ग्राम बम्हौरी के आगे चालक से अनियंत्रित होकर बस पलट गयी। इस दौरान जहां चार छात्राएं मामूली रूप से चोटिल हुई थीं। वहीं बस के नीचे दबने से घनश्याम के पैरों में काफी चोट आई थी। इस दौरान पुलिस ने छात्राओं को क्लीनर समेत मऊरानीपुर के स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर क्लीनर को मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। ऐसे में यहां ऑपरेशन के बाद उसका कटा पैर उसके सिरहाने पर तकिये के रूप में रख दिया गया।

परिजनों का कहना था कि कटा पैर जुड़ जाएगा

यह देखकर तीमारदार हंगामा करने लगे। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने बुरी तरह जख्मी पैर को ऑपरेशन में काटने के बाद उसी पैर को तकिया बनाकर सिर के नीचे रख दिया। इस दौरान लोगों ने पैर के तकिया बनाए जाने की तस्वीरें क्लिक कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। वहीं घटना की जानकारी होते ही मेडिकल कॉलेज के सीएमएस ने उसे तुरंत हटवाया। हालांकि इस पूरे मामले को लेकर वॉर्ड में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि मरीज को उसकी मां व पत्नी लेकर आयी थी। उन्होंने पैर को सिरहाने पर रखा था। उनसे कटा पैर कई बार हटाने को कहा गया लेकिन उन्होंने नहीं हटाया।

दो वरिष्ठ डॉक्टर और दो नर्सों का हुआ निलंबन

परिजनों का कहना था कि कि उन्हें किसी ने कहा है कि यह पैर जुड़ जायेगा। इसलिए वह इसे नहीं हटाएंगी। वहीं हंगामे व सोशल मीडिया पर मामले के चर्चा में आने के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने गंभीरता दिखाई। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में कंसल्टेंट ऑन कॉल डॉ.प्रवीन सरावली को चार्जशीट जारी करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर डॉ.एमपी सिंह, सीनियर रेजीडेंट डॉ.आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंचार्ज दीपा नारंग व नर्स शशि श्रीवास्तव निलंबित कर दिए गए हैं। इसके अलावा इस मामले की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन कर दी गई है।

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