-किराएदारी की फर्जी रसीद लगाकर टैक्स बचाने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई

--ITR भरने के दौरान गलत जानकारी देने किरायेदारों की अफसर खंगाल रहे कुंडली

VARANASI

इनकम टैक्स रिर्टन फाइल करने के दौरान गलत दस्तावेज लगाकर टैक्स बचाने वाले किरायेदारों की आयकर विभाग कुंडली तैयार कर रहा है। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी तय है। आयकर अपीलीय अधिकरण ने आय की समीक्षा करने वाले अधिकारी को इस संबंध में गहन जांच करने को कहा है। अधिकरण के मुताबिक आयकर विभाग का अधिकारी रिटर्न में किराए की रसीद लगाने वाले व्यक्ति से किराएदार होने का सबूत मांग सकता है। वह यह पूछ सकता है कि आप वहां रहते हैं या नहीं? अगर अधिकारी को लगता है कि जमा की गई रसीद फर्जी है तो वह किराए का करारनामा, आवासीय सोसाइटी को लिखे गए लेटर, बिजली या पानी की बिल आदि की मांग कर सकता है। अब तक आयकर से राहत के लिए सिर्फ किराए की रसीद जमा करनी होती थी। अगर किराया एक लाख सालाना से अधिक होता था तो मकान मालिक का पैन नंबर देना होता था अधिकरण के इस नये फैसले के बाद इसमें बदलाव होगा। अब किराया देने की बात साबित करने का जिम्मा रसीद का प्रयोग करने वाले पर होगा। बता दें कि नौकरीपेशा लोगों को आयकर अधिनियम की धारा क्0(क्फ्ए) के तहत किराए पर रहने पर छूट मिलती है।

लग सकती है पेनाल्टी

आयकर विवरण भरते समय अपने सभी आय व खर्चो की डिटेल सही तरीके से नहीं भरने पर आप पर टैक्स व पेनाल्टी लग सकता है। आयकर अधिनियम क्9म्क् में लगातार हो रहे बदलाव की जानकारी रखना अब जरूरी हो गया है। अगर आपने छूट के लिए कोई क्लेम किया है और उसके कागजात प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं तो आपको टैक्स के अलावा उतनी ही रकम की पेनाल्टी देनी होगी। आय का स्त्रोत साबित न कर पाने पर आपको म्0 फीसद टैक्स तथा सरचार्ज व एजुकेशन सेस भी भरना होगा।