आईटी रिटर्न होगा सरल

करदाताओं की मुसीबतों को ध्यान में रखते हुए आयकर विभाग ने आईटी रिटर्न प्रक्रिया में फेरबदल करने का फैसला किया है. इस फैसले के तहत आईटी रिटर्न भरे जाने के बाद आईटीआर वेरिफिकेशन फॉर्म को ऑनलाइन करने का कदम उठाया जा सकता है. फिलहाल इनकम टैक्स रिटर्न भरे जाने के बाद करदाताओं को आईटीआर वेरिफिकेशन फॉर्म की हार्ड कॉपी को बेंगलुरु स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट में भेजना होता है. ऐसे में कई करदाताओं के फॉर्म तय समय तक सीपीसी में नही पहुंच पाते हैं. करदाताओं ने कई बार विभाग के समक्ष शिकायत पेश की है कि उनके द्वारा वेरिफिकेशन फॉर्म भेजे जाने के बावजूद फॉर्म बेंगलुरु नहीं पहुंचता है.

ऑनलाइन होगी प्रक्रिया

सीपीसी के डायरेक्टर एवं इनकम टैक्स कमिश्नर आर. के. मिश्रा ने बताया, 'हम तेजी से एक ऐसी प्रणाली की ओर बढ़ रहे हैं जहां करदाताओं को आईटीआर-वी की कागजी प्रति नहीं भेजनी होगी.' उन्होंने कहा, 'हम ई-फाइलिंग को करदाताओं के लिए पूरी तरह निर्बाध व सुगम बनाना चाहते हैं.' उल्लेखनीय है कि अनेक करदाता विभाग से यह शिकायत करते हैं कि उन्होंने अपने आईटीआर-वी की प्रति 'स्पीड या पंजीकृत डाक' के जरिए भेजी इसके बावजूद सीपीसी से उन्हें इसके 'नहीं मिलने' का संदेश मिलता है. यही कारण है कि विभाग लंबे समय से इस प्रणाली को समाप्त करने के विकल्प पर विचार कर रहा था.'

जल्द अमल में आएगा फैसला

सीपीसी डायरेक्टर ने कहा कि आयकर विभाग इस प्रक्रिया को शुरु करने की कार्ययोजना को पहले ही सीबीडीटी में दाखिल कर चुका है. अब इसे जल्द ही अमल में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब ई-आईटी रिटर्न को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए फॉर्म में एक और कॉलम को एड किया जाएगा जिसमें करदाता का आधार नंबर दर्ज किया जाएगा. हालांकि आईटी रिटर्न फाइल करने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा.

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