- शहर में कई जगह खोदकर छोड़ दी गई हैं सड़कें

- कहीं डेढ़ साल तो कहीं तीन महीने से झेल रही पब्लिक

- बन गया है एक्सीडेंट जोन, धूल से हो रही है परेशानी

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saurabh.upadhyay@inext.co.in

GORAKHPUR: शहर में कई सड़कों को चौड़ीकरण के नाम पर खोद दिया गया है। लेकिन उसके बाद उनके निर्माण की रफ्तार इतनी स्लो है कि पब्लिक आजिज आ चुकी है। आते-जाते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और लोग पूछने लगे हैं, साहब, ये सड़क कब बनेगी? उधर जिम्मेदारों का आलम यह है कि एक विभाग से दूसरे विभाग के ऊपर जिम्मेदारी डालकर अपना गला छुड़ा ले रहे हैं। इस चक्कर में पब्लिक कभी जाम में फंसती है तो कभी हादसे का शिकार होती है। वहीं बन रही सड़क से उड़ने वाली धूल उसे सांस का रोगी तो बना ही रही है।

रेलवे स्टेशन रोड

रोजाना आने-जाने वाले: करीब एक लाख

महत्व: शहर के पूर्वी एरिया के लोगों को स्टेशन जाना होता है तो यूनीवर्सिटी के पीछे पेट्रोल पंप के सामने वाले रास्ते से निकलते हैं। यह रास्ता शहर के पूर्वी एरिया को जाम से निजात दिलाता है। बड़ी संख्या में रेलवे कर्मी इस रास्ते से आते-जाते हैं।

वर्तमान हालत: नवंबर 2016 में काम शुरू हुआ था। तब वहां मौजूद ढाबा के पास नाला बनाने का कार्य शुरू हुआ। छह माह में आधा ही नाला बन पाया है। जनवरी में इसके डिवाइडर का काम भी शुरू हो गया है। लेकिन अभी तक केवल 500 मीटर तक ही डिवाइडर बना है।

मुश्किल: डिवाइडर बनने का काम चलने के कारण महाराणा प्रताप की मूर्ति से पूरब की तरफ का आधा रास्ता बंद कर दिया जा रहा है। इससे लोगों को खासी मुश्किल हो रही है।

पैडलेगंज से मोहद्दीपुर

रोजाना आने-जाने वाले: करीब एक लाख

महत्व: लखनऊ या बनारस से आने वाले और सोनौली की तरफ जाने वालों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रास्ता है। बेतियाहाता, कचहरी जाने के साथ ही साथ महानगर के पूर्वी एरिया में जाने वाले इसी रास्ते से जाते हैं।

वर्तमान हालत: इस रास्ते की खोदाई पिछले दो साल से लगातार हो रही है। एक साल पहले जीडीए ने अंडरग्राउंड तार बिछाने के लिए खोदा था। दो से तीन माह बीते थे कि पीडब्ल्यूडी ने खोदना शुरू कर दिया है। फिलहाल यह शहर का सबसे खतरनाकरोड बन गया है।

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यहां से अंदर ले जाएं

देवरिया रोड

रोजाना आने-जाने वाले: करीब दो लाख

महत्व: इंजीनियरिंग कॉलेज, सिंघाडि़या, कूड़ाघाट, रानीडीहा, सुवा बाजार सहित कई प्रमुख मोहल्ले टच करती है। शहर के आर-पार जाने वाली एकमात्र रोड। शहर के डिफरेंट एरियाज तक पहुंचाती है।

कब से रुकी है: दिसंबर 2015 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव गोरखपुर आए तो सर्किट हाउस से लेकर चौरीचौरा तक सड़क का चोर लेन करने की स्वीकृत दी। मई में इसका कार्य भी लगभग शुरू हो गया और अगस्त में रोड के किनारे पेड़ों को काटने का कार्य शुरू हो गया।

वर्तमान हालत: शहर के दायरे में आने वाले दो किमी रोड की खोदाई कर छोड़ दिया गया है। पूरे रास्ते के पेड़ काट दिए गए हैं।

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कुशीनगर रोड

रोजाना आने-जाने वाले: ढाई लाख करीब

महत्व: गोरखपुर में एक बड़ी आबादी बिहार की रहती है जो डेली निजी साधन या सवारी गाड़ी से आते-जाते रहते हैं। नंदा नगर, झरना टोला, सिंघाडिया के रेल लाइन के किनारे की आबादी के साथ एयर फोर्स और जीआरडी के जवानों का आवागमन होता है।

कब से रुकी है: मई 2016 में स्वीकृत हुई और कार्य शुरू हो गया।

वर्तमान हालत: कूड़ाघाट से नंदानगर क्रॉसिंग के बीच करीब दो किमी की दूरी में अक्टूबर 2016 में खोदकर छोड़ दिया गया है। उसके बाद से आज तक इस रोड पर कोई कार्य नहीं हुआ है। कुछ दिन पहले जब सीएम योगी आदित्यनाथ इस रोड से आने वाले थे तो पेड़ काटने का कार्य शुरू किया गया, लेकिन निर्माण नहीं शुरू हुआ।