21 फरवरी को मुख्यालयों पर होगा कर्मचारियों का प्रदर्शन

रोडवेज कर्मचारी एसोसिएशन ने कटौती रोकने की मांग की

Meerut। डीजल रिकवरी के नाम पर चालकों के वेतन से हो रही कटौती से रोडवेज के चालक व परिचालक और प्रबंधकों के बीच विवाद बढ़ गया है। कटौती को गलत बताते हुए कर्मचारी एसोसिएशन कई बार आरएम से इस कटौती को रोकने की मांग कर चुके हैं। हालात यह है कि प्रबंधन हर माह चालकों के वेतन से कटौती कर रहा है। इस कटौती से आजिज आ चुके रोडवेज कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं।

तानाशाही का आरोप

चाहे रास्ते में लंबा जाम लगा हो या बस के इंजन में कमी की वजह से एवरेज कम आ रहा हो, रोडवेज के नियमानुसार डीजल की हुई खपत को चालक के वेतन से काटकर ही पूरा किया जाता है। रोडवेज के कर्मचारी इस नियम को अधिकारियों की तानाशाही मानते हैं।

दिल्ली रूट से परहेज

डीजल रिकवरी के कारण हालत यह है कि चालक अब दिल्ली रूट पर जाने से कतराने लगे हैं। दिल्ली के रास्ते में मोदीनगर, राजनगर एक्सटेंशन और मोहननगर में लगने वाले जाम से बस घंटों फंसी रहती है। इससे डीजल का नुकसान होता है, जिसकी रिकवरी चालकों के वेतन से की जाती है।

करेंगे प्रदर्शन

रोडवेज कर्मचारी एसोसिएशन ने प्रबंधन की इस तानाशाही के विरोध में कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है.एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आरएम से डीजल रिकवरी हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि डीजल रिकवरी बंद नहीं हुई तो चालक - परिचालक कार्य बहिष्कार कर विरोध जताएंगे।

जाम संभावित रूटों पर चालकों को छूट दी गई है। दिल्ली रूट पर 5 लीटर डीजल तक की छूट है। लेकिन जहां अधिक अंतर आता है, वहां एक्शन लिया जाता है।

एस के बनर्जी, आरएम, रोडवेज