मेरठ में सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज उपलब्ध नहीं

मेरठ। फिल्म अभिनेता इरफान खान को हुई बीमारी न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर रेयर बीमारी है, लेकिन लाइलाज नहीं। पहचान के बाद ही इसका इलाज संभव है। डॉक्टरों के अनुसार, न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर एक लाख में से एक व्यक्ति को होता है, लेकिन एंडोक्राइन ट्यूमर के मामले मेरठ में भी बढ़ रहे हैं।

सरकारी में इलाज नहीं

मेरठ में इस ट्यूमर का इलाज चुनिंदा निजी डॉक्टरों के पास ही मुमकिन है। जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में न इस बीमारी के किसी एक्सपर्ट की नियुक्ति है और न ही ऑपरेशन की सुविधा।

क्या है एंडोक्राइन ट्यूमर

एंडोक्राइन ट्यूमर शरीर के उस हिस्से में होता है, जहां से हॉर्मोन निकलते हैं यानी ग्रंथियां। इनमें ट्यूमर हो जाए तो उसको एंडोक्राइन ट्यूमर कहते हैं। चिकित्सकों की मानें तो जिस हॉर्मोन ग्रंथि में ट्यूमर होता है, उस ट्यूमर में भी हॉर्मोन उत्पन्न करने की क्षमता होती है। इस स्थिति में शरीर में खास हॉर्मोन की मात्रा बहुत अधिक बढ़ सकती है। यह बहुत ही खतरनाक स्थिति होती है।

दिमाग से ज्यादा पेट में ट्यूमर

एंडोक्राइन कोशिकाएं हमारे पूरे शरीर में पायी जाती है। इसलिए यह ट्यूमर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। चिकित्सकों के अनुसार इस ट्यूमर की सबसे अधिक आशंका पेट, फेफड़े, थाइराइड, पैंक्रियाज, छोटी आंत या गर्भाशय, अंडकोष ,पिट्युटरी ग्लैंड या पीनियल ग्लैंड में होती है। अगर शुरुआत में इसका सही उपचार कर लिया जाए तो इसका समय से इलाज किया जा सकता है।

कारणों का पता नहीं

डॉक्टरों के अनुसार न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के प्रत्यक्ष कारणों की अभी जानकारी नहीं मिल सकी है। अज्ञात कारणों से और कुछ केस में अनुवांशिक होने के कारण यह ट्यूमर हो सकता है। महिलाओं में इस टयूमर की आशंका अधिक होती है।

कोटस-

जब शरीर में हॉर्मोन उत्पन करने वाली कोशिकाएं असामान्य रूप से अपने आप बढ़ने लगती है तो ट्यूमर बन जाते हैं। सामान्य भाषा में इन्हें गांठें कहते हैं। ये मामूली भी हो सकते है और कैंसर युक्त भी। कैंसर युक्त गांठें जानलेवा हो सकती हैं।

- डॉ। संजय शर्मा, न्यूरो सर्जन

दिमाग या शरीर के किसी भी भाग से जो केमिकल निकलते हैं उन्हें एंडोक्राइन कहा जाता है। इसमें होने वाले ट्यूमर को एंडोक्राइन ट्यूमर कहते हैं। एंडोक्राइन ट्यूमर के हर माह औसतन 5-10 नए मरीज आ जाते हैं। - डा विश्वजीत बैंबी, वरिष्ठ फिजिशियन

न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर एक लाख में से एक मरीज को होता है। इसमें गुच्छे के रूप में न्यूरो एंडोक्राइन सेल्स बनते हैं जो शरीर के किसी भी भाग मे हो सकते हैं। इसकी अधिकता छाती में होती है। मरीज को अचानक होने वाली खुजली, चेहरा लाल होना, दाने होना इसके लक्षण हो सकते हैं।

- डा सुधी कांबोज, एंडोक्राइन सर्जन