विभिन्न विषयों की किताबों के रेट में खेल, किताबों के मूल्य में आया काफी अंतर

ALLAHABAD: यूपी बोर्ड लगातार स्टूडेंट्स की सहूलियत के लिए किताबों के दाम कम करने की कवायद में लगा हुआ है। इसके बाद भी प्रकाशक मनमाने ढंग से किताबों का दाम बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए है। इस खेल में हर प्रकाशक अपना अलग फंडा अपना रहा है। एनसीईआरटी की बुक्स को लेकर अभी विवाद खत्म भी नहीं हुआ कि अन्य विषयों की किताबें पब्लिश करने वाले प्रकाशकों का खेल शुरू हो गया है। एनसीईआरटी की प्रमुख विषयों की किताबों के अलावा अन्य विषयों की किताबों तैयार करने वाले प्रकाशक रेट बढ़ाने के लिए कवायद में जुटे हैं।

विषय एक, दाम अलग-अलग

बोर्ड ने हिन्दी, इंग्लिश, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान जैसे कॉमन विषयों की किताबों को छापने की जिम्मेदारी दूसरे प्रकाशकों को दी है। प्रकाशकों ने किताबों को मार्केट में भेजने से पहले जांच के लिए यूपी बोर्ड के पास भेजा है। इसमें एक ही विषय की किताबों के दाम अलग-अलग हैं। दाम बढ़ाने के लिए प्रकाशकों ने एक ही सिलेबस में पेज बढ़ा दिए हैं। राजलक्ष्मी प्रकाशन ने क्लास 10वीं की सामाजिक विज्ञान के 624 पेज की किताब का रेट 83 रुपए निर्धारित किया है। वहीं काका संस प्रकाशक ने 10वीं क्लास के ही सामाजिक विज्ञान की किताब को 752 पेज में तैयार कर दाम 100 कर दिया है। इसी प्रकार बेनिसन पब्लिकेशन की दसवीं की इंग्लिश की किताब का रेट 34 रुपए, राजलक्ष्मी प्रकाशन की इंग्लिश की दसवीं की किताब का रेट 44 रुपए काका संस की दसवीं की इंग्लिश की किताब का रेट 49 रुपए रखा गया है।

प्रकाशक विषय क्लास पेज संख्या रेट

बेनिसन पब्लिकेशन इंग्लिश 9 284 36

राजलक्ष्मी प्रकाशन इंग्लिश 9 344 46

काका संस इंग्लिश 9 354 47

काका संस हिन्दी 10 240 32

राज लक्ष्मी प्रकाशन हिन्दी 10 284 38

काका संस हिन्दी 9 320 43

राजलक्ष्मी हिन्दी 9 392 92

अभी ये मामला संज्ञान में नहीं आया है। जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड का मकसद है कि बच्चों को सस्ते दाम पर किताबें उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए बोर्ड लगातार प्रयास कर रहा है।

नीना श्रीवास्तव

सचिव, यूपी बोर्ड