- सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मची खलबली

UNNAO:

प्राइमरी शिक्षकों के 7ख्,8ख्भ् पदों पर भर्ती के विवरण को वेबसाइट पर ऑनलाइन करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर यहां पर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. बिना टीईटी पास शिक्षकों को हटाए जाने की बात से उन शिक्षामित्रों की धड़कने बढ़ गई हैं, जो शिक्षक बन चुके हैं.

बीते दिनों हुई काउंसि¨लग में जिले में क्,0म्भ् शिक्षा मित्र सहायक अध्यापकों के पदों पर समायोजित हो चुके हैं. इसके अलावा वर्तमान में फ्,क्फ्क् कुल शिक्षामित्र जनपद के विभिन्न विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं. इसमें से द्वितीय बैच के दूरस्थ बीटीसी कंपलीट कर चुके ख्,ख्ख्फ् शिक्षामित्रों की सहायक शिक्षक पदों पर तैनात किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. शेष को तीसरे बैच में लिया जाना है. विभागीय सूत्रों की मानें तो इसमें से एक या दो फीसदी भले ही टीईटी उत्तीर्ण हों, बाकी सभी बिना टीईटी पास हैं. शिक्षामित्रों का मानना है कि इस निर्णय से उनके समायोजन पर संकट गहरा गया है.

बताते चलें कि सरकार ने जो निर्देश जारी किए हैं, उसमें साफ है कि बेसिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए रिक्त पदों पर वरीयता के आधार पर शिक्षा मित्रों का शिक्षक पद पर चयन किया जाए. उसमें भर्ती का आधार टीईटी होना जरूरी नहीं है. उसके लिए शैक्षणिक योग्यता और पढ़ाने का अनुभव भी देखा जाना चाहिए. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जिला स्तर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी व उनके अधीनस्थों द्वारा विभागीय प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षक पदों पर नियुक्ति को लेकर टीईटी की अनिवार्यता को प्राथमिकता दिए जाने संबंधी आदेश से विभागीय रूप से शुरू कवायद को करारा झटका पहुंचा है. बेसिक शिक्षा परिषदीय अधिकारियों व शिक्षक पद पर समायोजित किए गए शिक्षा मित्रों में खलबली है. वह अब सरकार की ओर निहार रहे हैं. सरकार ऐसे में क्या निर्णय लेती है, यह आने वाले समय में ही साफ हो सकेगा.