व्यावसायिक इलाके की रोड और पटरी हो चुकी है गायब

इसी वार्ड में है जिला मुख्यालय फिर भी कोई देखने वाला नहीं

एबीडी में भी शामिल है कटरा वार्ड

ALLAHABAD: नगर निगम पिछले दो वर्ष से कटरा एरिया को सिविल लाइंस का विकल्प बनाने का प्लान बना रहा है। इसी प्लान के आधार पर इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की दौड़ में भी शामिल कर रहा है। कोशिशें लगातार जारी हैं लेकिन, जमीन पर कुछ भी नहीं बदला। इनक्रोचमेंट और जाम आज भी इस वार्ड की सबसे बड़ी समस्या है। लक्ष्मी टॉकीज चौराहे से मनमोहन पार्क तक रोड, पटरी कहां है? पता ही नहीं चलता। सफाई व्यवस्था भी बस नाम की है। जबकि पूरब का ऑक्सफोर्ड यानी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के अलावा जिला मुख्यालय भी इसी वार्ड एरिया में स्थित है।

एट ए ग्लांस-

वार्ड- 43, कटरा

पार्षद- सोनिका अग्रवाल

बीएससी-मैथ

आबादी- 30,000

वोटर- 13,000

मोहल्ला-कटरा, लक्ष्मी चौराहा, कटरा चौराहा, मनमोहन पार्क, मछली बाजार, काली स्थान, कटरा पसियाना, जेएन झा हॉस्टल, पीसीबी हॉस्टल, सर सुंदर लाल हॉस्टल

सड़क- 77/10

डिस्ट्रिक्ट हेड क्वार्टर से सटा एरिया होने और मेन मार्केट की वजह से कटरा वार्ड की ज्यादातर सड़कें चकाचक हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के आस-पास की सड़कों की भी मरम्मत हुई है। लेकिन, मेन रोड से जुड़ी गलियों की हालत खराब है। कुछ गलियों में तो आज भी वर्षो पुराने पत्थर बिछे हुए हैं। कई गलियां आज भी कच्ची हैं। जहां नाली भी नहीं बन पाई है।

सफाई- 6म्/10

कटरा वार्ड को एक तरफ जहां पॉश और वीआईपी एरिया कहा जाता है। वहीं बड़ा कॉमर्शियल हब भी इसी वार्ड में है। साथ ही यूनिवर्सिटी की वजह से यहां बाहर से आकर रह रहे छात्रों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। जिसकी वजह से कटरा वार्ड में गंदगी सबसे ज्यादा होती है। वीआईपी वार्ड की वजह से नगर निगम ने रात में भी सफाई की व्यवस्था की है। लेकिन पब्लिक का भरपूर साथ न मिलने के चलते यहां गंदगी यहां इधर-उधर बिखरी पड़ी रहती है। एसएसपी ऑफिस के पास स्थित कूड़े अड्डे में व यूनिवर्सिटी रोड पर वार्ड का कचरा फेंका जाता है।

पानी- 6म्/10

पॉश एरिया में लोगों को पानी की समस्या न हो, इसलिए चार बड़े ट्यूबवेल और छह मिनी ट्यूबवेल लगे हुए हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही दो बड़े ट्यूबवेल लगे हुए हैं। जिसकी वजह से वाटर सप्लाई की अधिक समस्या नहीं है। लेकिन, लक्ष्मी चौराहा से कटरा मार्केट, आंचल वाली गली में व अन्य इलाकों में आए दिन गंदे पानी की समस्या बनी रहती है। जिसका मुख्य कारण सीवर लाइन बताया जा रहा है।

आवारा पशु- 3फ्/10

पॉश एरिया और वीआईपी वार्ड भी आवारा पशुओं के आतंक से नहीं बचा है। जिनकी वजह से वार्ड में गंदगी फैलने की समस्या सबसे ज्यादा है। लक्ष्मी चौराहा से लेकर यूनिवर्सिटी रोड व कटरा मार्केट में चारों तरफ जगह-जगह आवारा पशु झुंड बनाकर बैठे रहते हैं। जिससे आए दिन जाम लगता है। वहीं पशुपालकों द्वारा गोबर व गंदगी को नाली में फेंक दिया जाता है। जिससे नाली भरी रहती है।

इनक्रोचमेंट-2ख्/10

कटरा वार्ड की सबसे बड़ी समस्या इनक्रोचमेंट और जाम है। जिसकी वजह से लोग यहां आने से कतराते हैं। लक्ष्मी चौराहा से मनमोहन पार्क तक व नेतराम चौराहा से यूनिवर्सिटी चौराहा तक रोड पर जबर्दस्त इनक्रोचमेंट की वजह से सड़कें काफी सकरी हो गई हैं। दुकानदार भी कम नहीं है। न्यू कटरा रोड पर तो पटरी ही नहीं बल्कि आधी रोड पर भी कब्जा कर दुकानें लगाई जा रही हैं।

वार्ड बोलता है

लक्ष्मी चौराहे पर ही मेरी दुकान है, जहां आवारा पशुओं की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। आए दिन पशु आपस में लड़ जाते हैं। जिसकी वजह से कई लोग घायल हो चुके हैं। कुछ दिन पहले तो मैं पशुओं के चपेट में आने से बचा।

संतोष कुमार

इनक्रोचमेंट और जाम कटरा मार्केट की सबसे बड़ी समस्या है। जिससे यहां के व्यापारी परेशान हैं। मंगल बाजार तो रोड पर ही लगता है। जिसकी वजह से दुकानों तक कस्टमर पहुंच ही नहीं पाता है।

गोपाल बाबू जायसवाल

कहने को तो कटरा वीआईपी वार्ड है, लेकिन यहां कोई वीआईपी व्यवस्था नहीं है। कटरा मार्केट को डेवलप किए जाने की बात कही जाती है, लेकिन हकीकत कहीं दिखाई नहीं देती है। रोड पर जगह-जगह गंदगी फैली रहती है।

दिनेश सिंह

पर डे नहीं, एक-दो दिन बाद ही सही रोड व गलियों में झाड़ू लग जाता है। कचरा उठ जाता है। लेकिन नालियों की सफाई तो बिल्कुल नहीं होती है। जिसकी वजह से गंदा पानी रोड पर बहता है। जो बीमारी का कारण बना हुआ है।

अभय कुमार

पब्लिक डिमांड-

इनक्रोचमेंट और जाम से मिले छुटकारा

मेन मार्केट में पार्किंग की व्यवस्था हो

लक्ष्मी टाकीज चौराहा पर बने मल्टी लेवल पार्किंग

कटरा मार्केट को इस तरह से किया जाए डेवलप कि रात में भी हो सके मार्केटिंग

वार्ड में जगह-जगह रखी जाए डस्टबीन ताकि कचरा रोड नहीं बल्कि कचरा पेटी में जाए

जवाब दो पार्षद जी

1. क्या आपको लगता है कि आपके पांच साल के कार्यकाल से वार्ड की पब्लिक संतुष्ट है?

जी हां, मैने प्रयास तो पूरा किया है। पांच साल में चार बड़े ट्यूबवेल लगवाए हैं। दो ट्यूबवेल दो महीने के अंदर रिबोर हुए हैं। दो पार्को को डेवलप कराया। आधा दर्जन से अधिक सड़क व तीन दर्जन से अधिक गलियां बनवाई। करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपये का काम वार्ड में कराया है।

2- ऐसे कौन से काम हैं, जो रह गए अधूरे?

नेतराम चौराहा से मनमोहन पार्क तक की नाली चूहों ने डैमेज कर दी है। नाली के जरिये चूहों ने अंदर ही अंदर होल कर दिया है। जो कई घरों व दुकानों के नींव को कमजोर कर रहे हैं। इस नाली की मरम्मत कराकर पक्की नाली बनवाए जाने की जरूरत है। जिस पर करीब 70 से 80 लाख का खर्च है। ये प्रस्ताव दिया गया, लेकिन पास नहीं हुआ।

3. वार्ड को मॉडल वार्ड बनाने के लिए क्या किया?

मॉडल वार्ड बनाने के लिए नगर निगम ने आश्वासन तो बहुत दिया, एरिया बेस डेवलपमेंट के तहत कटरा को सिविल लाइंस का विकल्प बनाने की बात कही गई है। लेकिन अभी काम कुछ नहीं हुआ है।