भारतीय सूखा और टाइफून

अमेरिकी वेदर फोरकास्टिंग वेबसाइट एक्यूवेदर डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार एक बेहद सक्रिय टाइफून सीजन और भारत में पड़ने वाले सूखे का असर एशिया में रहने वाले एशिया के 100 करोड़ लोगों पर पड़ सकता है. रिपोर्ट कहती है कि टाइफून अल नीनो के गर्मियों में मजबूत होने की उम्मीद है. यह टाइफून जब अन्य मौसमी अवयवों से मिलेगा तब ही पता चलेगा कि एशिया पर कितना गहरा असर पड़ेगा.

प्रेडिक्शन का कोई तरीका नहीं

रिपोर्ट कहती है कि यह प्रेडिक्ट नहीं किया जा सकता कि अल नीनो का मानसून पर क्या असर पड़ेगा लेकिन फिलहाल पेसेफिक में सामान्य की अपेक्षा गर्म जलसंग्रह है जो लोअर एटमॉस्फेरिक प्रेशर और ट्रॉपिकल सिस्टम के लिए सकारात्मक शामिल होगा. हालांकि यह भी कहा गया है कि इस बात को प्रेडिक्ट करने का कोई तरीका नहीं है कि इन तूफानों की टाइमिंग और असर कितना होगा. आगे कहा गया है कि कुछ तूफान फिलिपींस और जापाप की तरफ मुड़ जाएगें और कुछ चीन, ताईवान की तरफ रुख करेंगे.

तो रुकेगा मानसून

प्रशांत महसागर में उष्णकटिबंधीय तूफान आने से हिंद महासागर की स्थितियों में भी बदलाव आने की पूरी संभावनाएं हैं. अलनीनो की उपस्थिति से सामान्य की अपेक्षा कम मानसून होने की संभावना बनी रहेगी. हालांकि यह भी कहा गया है कि अगर हिंद महासागर के पश्चिमी हिस्से का पानी उम्मीद से पहले गर्म हो जाता है तो भारत में मानसून सामान्य रूप से हो सकता है.

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