नोटबंदी और जीएसटी का असर खत्म

वाशिंगटन (प्रेट्र)। आईएमएफ के एशिया प्रशांत डिपार्टमेंट के निदेशक चांगयोंग री ने कहा कि वे यह नहीं कह रहे हैं कि चुनावों के कारण भारत में आर्थिक सुधारों की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी। बल्कि हम यह कह रहे हैं कि चुनावों के बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार और विकास की दर बनी रहनी चाहिए। री ने एक दिन पहले कहा कि 2018-19 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर 7.4 प्रतिशत है। नोटबंदी और जीएसटी के कारण अस्थाई तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। अब वह इसके असर से उबर चुकी है।

टैक्स सिस्टम में जीएसटी बड़ा सुधार

आईएमएफ के एशिया प्रशांत डिपार्टमेंट के उप निदेशक केन कांग ने कहा कि भारतीय टैक्स सिस्टम में जीएसटी को लागू कराना बड़े आर्थिक सुधारों में एक था। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत ने प्रभावशाली आर्थिक सुधार किए हैं। जीएसटी के लागू होने से देश के भीतर वस्तुओं और सेवाओं के एक जगह से दूसरे जगह कारोबार में आसानी होगी। नेशनल मार्केट के कॉमन होने से विकास और रोजगार के अधिक अवसर में मदद मिलेगी। भारत ने महंगाई दर आंकड़ों के मापन प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाकर अपनी मौद्रिक नीति को और मजबूती दी है। मौद्रिक नीति तय करने के ढांचे में बदलाव भी एक बड़ी उपलब्धि है।

बैंकों में सुधार भी सुधार बड़ी बात

कांग ने कहा कि सरकार ने हाल ही में नॉन परफार्मिंग लोन (एनपीए) से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उबारने के लिए पुनर्पूंजीकरण योजना की घोषणा की है। साथ ही दीवालिया और दीवालियापन की प्रक्रिया को लेकर कानूनी प्रावधानों में सुधार भी किए हैं। कांग को उम्मीद है कि सरकार आर्थिक सुधारों को लेकर इसी तेवर के साथ काम करती रहेगी। कांग ने कहा कि भारत को अपने श्रम बाजार में सुधार की आवश्यकता है ताकि महिला श्रमिकों की संख्या बढ़े और कारोबार के वातावरण में सुधार दिखे।

निर्यात बढ़ाने की क्षमता, शुल्क ज्यादा

उन्होंने वितरण नेटवर्क और कृषि क्षेत्र को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की। एक सवाल के जवाब में कांग ने कहा कि आईएमएफ को उम्मीद है कि भारत का क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। भारत में अपने कारोबार की दिक्कतों को दूर करके निर्यात बढ़ाने की भरपूर क्षमता है। भारत की शुल्क दर क्षेत्र के अन्य देशों के मुकाबले 15 प्रतिशत तक ज्यादा है।

Business News inextlive from Business News Desk