इकनॉमिक ग्रोथ:
इससे भारत को एक और बड़ा लाभ होगा। भारत में न्यूक्लियर मार्केट का विस्तार एक बड़े स्तर पर होगा। यहां पर नई तकनीक और नए आविष्कारों से इकनॉमिक ग्रोथ काफी तेजी से बढ़ेगी। इतना ही नहीं यहां से श्रीलंका, भूटान जैसे देश न्यूक्लियर एनर्जी खरीदने आएंगे।
तकनीकी फायदे:
इस ग्रुप में शामिल होने पर भारत को तकनीकी रूप से बड़े फायदे होंगे। इससे भारत में विदेशों की बड़ी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी आने लगेगी। इतना ही नहीं भारत में बनी तकनीकी दूसरे देश में भी बेची जा सकेगी। जिससे विदेशों में भी मेक इन इंडिया ब्रांड अपनी एक खास पहचान बना सकेगा।
न्यूक्िलयर मार्केट:
भारत न्यूक्लियर एनर्जी में फॉसिल-फ्यूल पर निर्भर करता है। सबसे खास बात तो यह है कि इससे न्यूक्लियर एनर्जी बनाने से कम लागत लगेगी। इसके अलावा कम बजट में साफ और ज्यादा ऊर्जा बनाई जा सकेगी। अभी एनएसजी में शामिल न होने से भारत न्यूक्लियर मार्केट में काफी कमजोर है।
कद उठ जाएगा:
इस गुप में शामिल होने से भारत को तकनीकी के साथ आर्थिक स्तर पर भी बड़े लाभ होंगे। इसका सदस्य बनने के बाद भारत का कद एशिया में और ऊपर उठ जाएगा। इससे भारत कुछ मौकों पर पाकिस्तान को भी सॉलिड तरीके रोकने में सक्षम हो जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय साख:
न्यूक्लियर तकनीक से भारत को एक और बड़ा फायदा होगा। यहां पर दवा से लेकर न्यूक्लियर एनर्जी पावर प्लांट लग जाएगा। जिससे भारत में बिजनेस का विस्तार और बड़े स्तर पर होगा। इतना ही नहीं NSG में शामिल होने से भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साख भी बढ़ेगी।
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